क्यों भारत के लिए पाकिस्तान से लगे बॉर्डर को सील करना आसान नहीं है
शनिवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की पासिंग आउट परेड के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर कहा है कि भारत, पाकिस्तान से लगी अपनी सीमा को पूरी तरह से सील करेगा।
नई दिल्ली। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर कहा है कि केंद्र सरकार पाकिस्तान के साथ लगी भारत की की सीमाओं को पूरी तरह से सील करेगी। गृहमंत्री ने इसी तरह का बयान सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की ओर से जारी जम्मू कश्मीर में जारी आतंकी वारदातों के बीच भी दिया था। राजनाथ सिंह ने उस समय कहा था कि भारत ठीक उसी तरह से बॉर्डर को सील करेगा जिस तरह से इजरायल ने आतंकवाद को रोकने के लिए किया है।
वर्ष 2018 तक का समय
इजरायल ने सीमा पार से जारी आतंकवाद को रोकने के लिए वेस्ट बैंक का बॉर्डर सील किया हुआ है। राजनाथ सिंह ने यह बात अक्टूबर 2016 में पंजाब, गुजरात और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई मीटिंग में कही थी और इसके लिए सरकार ने वर्ष 2018 तक का समय तय किया है। लेकिन भारत के लिए यह इतना आसान नहीं होगा और कई तरह की मुश्किलें आएंगी।
क्या यहां भी बनेगी दीवार
सरकार की ओर से आए इस बयान की तुलना आप अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से अमेरिका-मैक्सिको बॉर्डर को सील करने वाले बयान से कर सकते हैं। भारत के लिए यह काम इतना आसान नहीं होगा। भारत और पाकिस्तान के बीच इंटरनेशनल बॉर्डर करीब 3,323 किलोमीटर लंबा है और यह देश के चार राज्यों, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, पंजाब और गुजरात से होकर गुजरता है।
राजस्थान का कितना हिस्सा
भारत-पाकिस्तान का बॉर्डर राजस्थान में 1037 किलोमीटर तक फैला है। राजस्थान का थार का रेगिस्तान भारत और पाकिस्तान के दक्षिणी-पूर्वी हिस्से तक जाता है। यहां पर बाड़मेर का 233 किलोमीटर का हिस्सा गुजरात में कच्छ के रन से भी लगा है। यहां का तापमान 50 डिग्री सेंटीग्रेट तक पहुंच जाता है और लगातार हवाएं चलती हैं। विशेषज्ञों की मानें तो इस हिस्से में पहले से 32 किलोमीटर तक बॉर्डर है जिसकी फेंसिंग यहां पर मौजूद मुश्किल हालातों की वजह से नहीं हो सकी है।
गुजरात का बॉर्डर
गुजरात देश का पश्चिमी राज्य है और यहां पर करीब 508 किलोमीटर लंबा इंटरनेशनल बॉर्डर है जो भारत और पाकिस्तान को विभाजित करता है। यहां पर सिर्फ 262 किलोमीटर लंबे बॉर्डर की ही फेंसिंग की जा सकी है और वजह से इस क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियां। कच्छ का रन ऐसा इलाका है जहां की जमीन दलदली है और ऐसे में बॉर्डर पर फेंसिंग तो बहुत ही मुश्किल है। यहां पर बॉर्डर पर दिवार का निर्माण और फिर उसका रख-रखाव काफी मुश्किल है और यही वजह है कि कच्छ में भारत-पाकिस्तान का बॉर्डर खुला हुआ है।
जम्मू कश्मीर में कितना बॉर्डर
जम्मू कश्मीर से होकर भारत-पाकिस्तान की 1225 किलोमीटर की सीमा गुजरता है, जिसमें 740 किलोमीटर लंबी एलओसी है। जम्मू में 200 किलोमीटर का इंटरनेशनल बॉर्डर है जो भारत और पाकिस्तान को अलग-अलग करता है। यहां पर कई नदियां और पहाड़ हैं जो बॉर्डर की सीलिंग को बहुत मुश्किल करते हैं। जम्मू कश्मीर में आठ नदियां हैं जो पाकिस्तान की ओर बहती हैं। लश्कर-ए-तैयबा और दूसरे आतंकी संगठन छोटी-छोटी नदियों के सहारे ही भारत में दाखिल होते हैं। ऐसे में इन नदियों पर मौजूद बॉर्डर को सील करना आसान नहीं होगा।
पंजाब
भारत का यह उत्तर-पश्चिमी राज्य पाकिस्तान के साथ करीब 550 किलोमीटर का बॉर्डर शेयर करता है। पंजाब के छह जिले फजिलका, फिरोजपुर, तरन तारन, गुरदासपुर और पठानकोट बॉर्डर पर स्थित हैं। यहां पर बॉर्डर कुछ इस तरह से है फजिलका से फिरोजपुर, फिर तरन तारन से अमृतसर के अटारी तक और फिर गुरदासपुर के पठानकोट तक। पंजाब में रावी नदी का कुछ हिस्सा है और यह बॉर्डर के जरिए घुसपैठ को आसान बनाता है। यहां की भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से बीएसएफ के सामने भी बॉर्डर की रक्षा में कई चुनौतियां हैं।