अरुणाचल में ब्रह्मोस की तैनाती से क्यों चिंतित है चीन?
नई दिल्ली। पिछले दिनों भारत सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में एडवांस्ड क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की तैनाती का आदेश क्या दिया, चीन की तो रातों की नींद ही गायब हो गई। जहां विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत का यह कदम लगातार सेना में इजाफा करने वाले चीन को जवाब देने के लिए बेहतर है तो वहीं चीन ने इस कदम को खतरनाक करार दिया है।
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जिनपिंग से मुलाकात से पहले मोदी का ऐलान
चीन हमेशा से ही अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता आया है। साथ ही भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को लेकर दावों की वजह से अक्सर तनाव की स्थिति रहती है।
यह खबर ऐसे समय आई है जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले माह बीजिंग में होने वाली जी-20 समिट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करने वाले हैं।
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विएतनाम को होगी ब्रह्मोस की बिक्री
न्यूज एजेंसी रायटर्स की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश में डेप्लायॅमेंट के अलावा भारत ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल सिस्टम को विएतनाम को बेचने के प्रयास भी कर रहा है।
इसके अलावा 15 और देश भारत की नजर में हैं। अगर भारत इस मिसाइल की बिक्री करता है तो फिर यह एक बड़ा कदम साबित होगा।
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चीन ने बढ़ाई समंदर में ताकत
विएतनाम के अलावा भारत फिलीपींस, इंडोनेशिया, यूएई, साउथ अफ्रीका, चिली और ब्राजील को यह सिस्टम बेच सकता है। पीएम मोदी ने भी ब्रह्मोस एरोस्पेस को इस मिसाइल के लिए इच्छुक देशों की एक लिस्ट बनाने को कहा है।
भारत, फिलीपींस और मलेशिया की तरह साउथ चाइना सी विवाद में कोई पार्टी नहीं है। लेकिन चीन के साथ सीमा-विवाद काफी पुराना है और पिछले कुछ वर्षों में इसमें इजाफा ही हुआ है।
चीन ने भी समंदर में अपनी ताकत को काफी तेजी से बढ़ाया है तो पाकिस्तान के साथ मिलिट्री सपोर्ट और तेज कर दिया है।
श्रीलंका तक आने लगीं चीनी पनडुब्बियां
चीन ने अब श्रीलंका में अपनी पनडुब्बियों की तैनाती भी शुरू कर दी है। इस बात ने भी भारत की चिंताओं को काफी बढ़ा दिया था। भारत चीन को जवाब देने के लिए अमेरिका, जापान और विएतनाम से रिश्ते मजबूत करने के बारे में गंभीरता से सोचने लगा है।
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अब अरुणाचल में सुखोई भी
विशेषज्ञों की मानें तो एलएसी पर चीन, भारत पर दबाव बनाने की कोशिशों में लगा है। ऐसे में भारत की ओर से ब्रह्मोस की तैनाती और इसका निर्यात वह भी विएतनाम जैसे देश को, चीन पर दबाव बनाने के लिए काफी है।
चीन ने कुछ माह पहले सुखोई में ब्रह्मोस को फिट कर एक टेस्ट भी किया था और यह सफल हो गया था। अब अरुणाचल में सुखोई की लैंडिंग भी होने लगी है और यहां पर पांच एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड्स यानी एएलजी भी ऑपरेशनल हैं।