क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

अरविंद केजरीवाल की 5 बड़ी गलतियां, जिन्होंने डुबोई AAP की लुटिया

दिल्ली में आप की सरकार बनने के बाद 2 साल के भीतर उसके 15 विधायकों पर अलग-अलग धाराओं में मामले दर्ज हुए। आप के करीब 13 विधायकों को जेल भी जाना पड़ा।

By Dharmender Kumar
Google Oneindia News

नई दिल्ली। दिल्ली के तीनों नगर निगम में भाजपा ने फिर से जीत का परचम लहरा दिया है। मोदी लहर पर सवार भाजपा को एमसीडी चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिलता हुआ नजर आ रहा है। वहीं आम आदमी पार्टी की हालत सबसे ज्यादा खस्ता दिख रही है। विधानसभा चुनाव में 67 सीटें जीतकर दिल्ली में सरकार बनाने वाले अरविंद केजरीवाल एमसीडी चुनाव में बुरी तरह हार गए हैं। आइए जानते हैं वो कारण, जिनके चलते केजरीवाल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।

केजरीवाल की नकारात्मक राजनीति ले डूबी

केजरीवाल की नकारात्मक राजनीति ले डूबी

दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने के बाद अरविंद केजरीवाल ने लगातार नकारात्मक राजनीति की। चाहे सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने का मुद्दा हो या नोटबंदी के दौरान बयानबाजी का, अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। कई मुद्दों को लेकर उन्होंने मीडिया को भी सवालों के घेरे में खड़ा किया। यही नहीं, पंजाब में मिली पराजय के बाद केजरीवाल ने हार स्वीकार करने के बजाय ईवीएम को जिम्मेदार ठहरा दिया। दिल्ली की जनता ने उनकी उस नकारात्मक राजनीति को पसंद नहीं किया।

आप के विधायकों पर संगीन आरोप

आप के विधायकों पर संगीन आरोप

दिल्ली में आप की सरकार बनने के बाद 2 साल के भीतर उसके 15 विधायकों पर अलग-अलग धाराओं में मामले दर्ज हुए। आप के करीब 13 विधायकों को जेल भी जाना पड़ा। पूर्व मंत्री संदीप कुमार के सेक्स सीडी कांड को लेकर पार्टी को सबसे ज्यादा शर्मिंदा होना पड़ा। इसके अलावा पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र तोमर की फर्जी डिग्री का मुद्दा भी लोग नहीं भूले। इन सबसे कहीं ना कहीं दिल्ली की जनता के पास संदेश गया कि स्वच्छ राजनीति का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी भी दूसरी पार्टियों की तरह ही है।

शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट

शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट

एमसीडी चुनाव से ठीक पहले आई शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट ने आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका दिया। पूर्व नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक वीके शुंगलू की अध्यक्षता में इस कमेटी ने 404 फाइलों की जांच की। कमेटी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सरकार ने प्रशासनिक फैसलों में संविधान और प्रक्रिया संबंधी नियमों का उल्लंघन किया है। रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने अधिकारियों की राय को किनारे रख, संवैधानिक प्रावधानों, प्रशासनिक कानून और आदेशों का उल्लंघन किया। रिपोर्ट पर केजरीवाल सरकार पूरी तरह घिर गई।

सत्ता विरोधी लहर

सत्ता विरोधी लहर

यह अपने आप में दिलचस्प है कि महज दो साल के कार्यकाल में ही अरविंद केजरीवाल को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ा। चाहे विज्ञापन का मुद्दा हो या सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप, अरविंद केजरीवाल लगातार घिरते हुए नजर आए। भ्रष्टाचार को लेकर तो खुद पार्टी के ही नेता और कवि कुमार विश्वास ने एक वीडियो में अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार को घेरा। कहीं ना कहीं इन सबसे दिल्ली सरकार की छवि खराब हुई और पार्टी को लेकर जनता के पास गलत संदेश गया।

केजरीवाल का दिल्ली छोड़कर पंजाब, गोवा जाना

केजरीवाल का दिल्ली छोड़कर पंजाब, गोवा जाना

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली छोड़कर पंजाब और गोवा पर पूरा ध्यान लगाया। इससे एक बार फिर दिल्ली की जनता को संदेश गया कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के प्रति गंभीर नहीं हैं। भाजपा ने इस मुद्दे को काफी भुनाया कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली छोड़कर कभी भी कहीं भी जा सकते हैं। इससे पार्टी के प्रति जनता के मन में अविश्वास बढ़ा। ये भी पढ़ें- रूझानों में बीजेपी को प्रचंड बहुमत लेकिन नहीं मनेगा जश्न, क्यों?

Comments
English summary
Why Arvind Kejriwal got defeat in MCD Election 2017.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X