जानिए ग्लोबल आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीन का खौफनाक सच...
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात से ठीक पहले भारत को एक बड़ी सफलता हाथ लगी। अमेरिका ने सैयद सलाहुद्दीन के नाम से मशहूर मोहम्मद यूसुफ शाह को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) घोषित कर दिया।
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पाक प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत कहा जा रहा है।
कौन है सैयद सलाउद्दीन
- सैयद सलाउद्दीन आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन का सरगना है, जिसका कश्मीर में हुए आतंकी हमलों में हाथ था।
- सलाउद्दीन कश्मीर में आतंक फैला रहा है और वो इसलिए आतंकियों को ट्रेनिंग देता है।
- जम्मू एवं कश्मीर में अप्रैल, 2014 को हुए बम विस्फोट में 17 लोगों की मौत हो गई थी, ये हमला सैयद सलाउद्दीन के ही इशारों पर हुआ था।
- सलाउद्दीन का संगठन पाक अधिकृत कश्मीर से ही संचालित होता है।
- सैयद सलाउद्दीन मूलरूप से जम्मू एवं कश्मीर के बडगाम का रहने वाला है।
- सैयद का जन्म 18 फरवरी 1946 में बडगाम में ही हुआ था।
- वह साल 1987 में जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा भी लड़ चुका है लेकिन वो जीत नहीं पाया।
- 71 साल का सलाउद्दीन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहता है।
- हिजबुल के अलावा वह यूनाइटेड जिहाद काउंसिल भी चलाता है।
- हिजबुल मुजाहिदीन का यह सरगना युनाइटेड जिहाद काउंसिल का भी सरगना है।
- जिहाद काउंसिल के तहत कई आतंकी संगठन आते हैं, जो कि कश्मीर में आतंकी गतिविधियां फैलाने में संलग्न हैं।
- पठानकोट एयरबेस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी यूनाइडेट जिहाद काउन्सिल ने ली थी।
- इंटेलिजेंस के सूत्रों के मुताबिक सलाउद्दीन पाकिस्तान के सेफ हाउस से आतंकी एक्शन्स को कंट्रोल करता है।
- सैयद सलाउद्दीन के 7 बच्चे (5 बेटे, 2 बेटियां) हैं। इनमें से 4 बेटे और एक बेटी सरकारी नौकरी में हैं।
- सैयद का भाई वाहिद युसूफ शेर-ए- कश्मीर हॉस्पिटल में एक डॉक्टर है।
- वहीं दूसरा भाई शकील अहमद मेडिकल असिस्टेंट है।
पाक अधिकृत कश्मीर
जन्म 18 फरवरी 1946 में बडगाम
यूनाइटेड जिहाद काउंसिल
सैयद सलाउद्दीन के 7 बच्चे (5 बेटे, 2 बेटियां)
अमेरिका के इस फैसले का भारत ने किया स्वागत
अमेरिका के इस कदम का स्वागत करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा है कि इस फैसले से हमारे रुख पर मुहर लगी है क्योंंकि भारत शुरू से ही यह कहता आया है कि कश्मीर में अशांति के पीछ सीमा पार से आने वाले आंतकियों का हाथ है, उन्होंने कहा कि सैयद सलाउद्दीन का संगठन भी पाक अधिकृत कश्मीर से ही संचालित होता है, ऐसे में भारत इस कदम का स्वागत करता है।