PAK के चंगुल से कब आजाद होंगे चंदू बाबूलाल चौहान?
नई दिल्ली। हर तरफ सर्जिकल स्ट्राइक का शोर है। मीडिया हो या सोशल मीडिया। हर जगह अलग-अलग एंगल से यह दिखाने की कोशिश हो रही है कि किस तरह भारतीय सेना ने एलओसी पर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। इस सब के बीच लोग उस जवान को भूल गए हैं जो सीमा पार पाकिस्तान के कब्जे में है।
कहा जा रहा है कि 37 राष्ट्रीय राइफल्स के जवान चंदू बाबूलाल चौहान गलती से सीमा पार कर गए और पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया। पाकिस्तान की मीडिया ने भी यह दावा किया है कि वहां की सेना ने एक भारतीय जवान को गिरफ्तार कर एक गुप्त जगह में रखा है।
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यहां
कैद
है
भारतीय
जवान!
सूत्रों
के
मुताबिक,
पाकिस्तानी
सेना
ने
चौहान
को
मानकोट
में
झंडरूट
इलाके
से
पकड़ा
और
अब
उन्हें
सेना
के
निकयाल
हेडक्वॉर्टर
में
रखा
है।
सरकार
दावा
कर
रही
है
कि
वह
जवान
को
वापस
लाने
के
लिए
हर
संभव
कोशिश
कर
रही
है,
लेकिन
यह
आसान
काम
नहीं
है।
चौहान
के
पाकिस्तान
में
कैद
होने
की
बात
सुनकर
उन्हें
पाल-पोष
कर
बड़ा
करने
वाली
नानी
की
सदमे
से
मौत
हो
गई।
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छुट्टियां
कैंसिल
होना
बन
गया
मुसीबत?
हर
तरफ
'युद्ध
जैसे
हालात'
की
चर्चा
हो
रही
है।
सीमा
के
पास
बसे
गांवों
को
खाली
कराया
जा
रहा
है
और
इस
वजह
से
सैनिकों
की
छुट्टियां
भी
कैंसिल
कर
दी
गईं।
चंदू
बाबूलाल
भी
उन
जवानों
में
शामिल
हैं,
जिनकी
छुट्टी
कैंसिल
की
गई।
23
वर्षीय
चंदू
छुट्टियां
लेकर
अपने
गांव
आने
वाले
थे,
लेकिन
ऐन
वक्त
पर
छुट्टियां
रद्द
कर
दी
गईं।
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किस
हाल
में
होंगे
चंदू
बाबूलाल
चौहान?
भारतीय
सेना
की
ओर
से
की
गई
सर्जिकल
स्ट्राइक
में
दो
पाकिस्तानी
सैनिकों
के
भी
मारे
जाने
का
दावा
किया
जा
रहा
है।
उधर
चंदू
बाबूलाल
चौहान
के
एलओसी
क्रॉस
करने
को
लेकर
कहा
जा
रहा
है
कि
वह
उस
कमांडो
टीम
का
हिस्सा
नहीं
थे,
जिसने
ऑपरेशन
को
अंजाम
दिया।
वह
गलती
से
एलओसी
क्रॉस
कर
गए।
कुछ
मीडिया
रिपोर्ट्स
में
दावा
किया
जा
रहा
है
कि
अपने
सीनियर
से
बहस
होने
के
बाद
चंदू
गुस्से
में
सीमा
पार
कर
गए।
लेकिन
अब
वह
पाकिस्तान
के
चंगुल
में
हैं।
सरबजीत
के
साथ
पाकिस्तानी
सेना
और
वहां
की
जेल
में
जो
सलूक
हुआ
उससे
हर
कोई
वाकिफ
है।
पाकिस्तान
की
सेना
उन्हें
जासूस
करार
देकर
किस
तरह
प्रताड़ित
कर
सकती
है,
इसका
अंदाजा
लगाया
जा
सकता
है।
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बचपन
में
खो
दिए
थे
मां-बाप
चंदू
बाबूलाल
चौहान
महाराष्ट्र
के
जलगांव
जिले
में
1994
में
पैदा
हुए।
साल
1997
में
उनके
पिता
और
2000
में
उनकी
मां
भी
चल
बसी,
जिसके
बाद
उनके
नाना-नानी
ने
उन्हें
बड़ा
किया।
चंदू
का
भाई
भी
सेना
में
है
और
फिलहाल
गुजरात
के
जामनगर
में
तैनात
है।
भारतीय मीडिया और सरकार क्यों थे चुप?
चंदू बाबूलाल चौहान के एलओसी क्रॉस करने और पाकिस्तानी सेना के कब्जे में पहुंचने तक की जानकारी सेना, सरकार और यहां तक कि मीडिया ने भी तब तक नहीं दी, जब तक पाकिस्तानी मीडिया ने सर्जिकल स्ट्राइक को नकारते हुए, भारतीय जवान को गिरफ्तार करने की बात नहीं कही। पाकिस्तानी मीडिया में बात सामने आने के बाद सरकार ने माना कि जवान पाकिस्तान के कब्जे में है उसे वापस लाने की हर संभव कोशिश हो रही है।
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सेना
का
दावा
यह
भी
सेना
की
ओर
से
जारी
की
गई
एक
विज्ञप्ति
में
कहा
गया
है
कि
इस
तरह
अक्सर
दोनों
देशों
के
जवान
और
आम
नागरिक
गलती
से
सीमा
पार
कर
जाते
हैं,
लेकिन
उन्हें
वापस
भेज
दिया
जाता
है।
इसके
लिए
कुछ
मैकेनिज्म
हैं।
सेना
का
दावा
है
कि
चौहान
को
भी
ऐसे
ही
वापस
लाया
जाएगा।
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