जेएनयू विवाद पर क्या बोले भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा
नई दिल्ली। भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने जेएनयू विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। रिचर्ड वर्मा ने मंगलवार को कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी चाहे अमेरिका हो या भारत, दोनों ही देशों में मौजूद लोकतांत्रिक व्यवस्था का आधार है।
अमेरिकी राजदूत ने दी जेएनयू विवाद पर प्रतिक्रिया
अमेरिका और भारत दोनों देशों में अहम 'आजादी'
रिचर्ड इन दिनों बिहार के दौर पर हैं और उन्होंने यह बातें पटना में कहीं। रिचर्ड से जेएनयू विवाद के बारे में एक सवाल पूछा गया था। रिचर्ड ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों ही देशों में नागरिकों को मिली अभिव्यक्ति की आजादी काफी अहम है।
भारत में सांपों से खेलना सीख रहे हैं रिचर्ड
रिचर्ड के मुताबिक हर लोकतंत्र को यह फैसला करना होगा कि हर व्यक्ति को उसके विचारों को व्यक्त करने के लिए कितना स्थान देना चाहिए।
विविधता भारत की खासियत
भारत में जो लोकतंत्र है विचारों को खुलेतौर पर व्यक्त करना उसका अहम हिस्सा है। भारत में मौजूद भाषा और विचारों की विविधता ही इसे एक महान देश बनाती है।
यह पहला मौका है जब दूसरे देश के डिप्लोमैट की ओर से जेएनयू जैसे विवाद पर कुछ कहा गया है। पिछले वर्ष मई में जब मोदी सरकार ने कुछ एनजीओ पर कार्रवाई की थी तो रिचर्ड ने उस समय भी चिंता जाहिर की थी।
पीएम मोदी की हो रही है आलोचना
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इससे पहले दो और डिप्लोमैट्स की ओर से भारत के वर्तमान हालातों पर चिंता जाहिर की जा चुकी है।
पीएम मोदी पश्चिमी मीडिया पर खो रहे हैं अपना असर!
आपको बता दें कि जेएनयू विवाद पर विदेशी मीडिया में भी काफी कुछ कहा गया है। विदेशी मीडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे अपने मंत्रियों को नियंत्रण में रखें और देश की स्थिति पर ध्यान दें।
अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर देश की आर्थिक प्रगति रुक जाएगी।