रीता हों या फिर स्वामी...क्या निजी स्वार्थों के चलते नेता बदल रहे पार्टी?
ऐसा अकसर देखा गया है कि जब भी कोई नेता पार्टी छोड़कर जाता है तो आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाता है।
नई दिल्ली। कांग्रेस की कद्दावर नेता रही रीता बहुगुणा जोशी बीजेपी में शामिल हो गई हैं। उनके बीजेपी में जाने पर कांग्रेस की ओर से कहा गया कि उन्होंने स्वार्थ की वजह से ऐसा किया है। क्या वाकई ऐसा है...?
पार्टी छोड़ने पर शुरू होता है आरोप-प्रत्यारोप का दौर
ऐसा अकसर देखा गया है कि जब भी कोई नेता पार्टी छोड़कर जाता है तो आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाता है। जहां पार्टी छोड़ने वाले नेता पार्टी में अपनी अनदेखी का आरोप लगाते हैं तो दूसरी ओर पार्टी की ओर से नेता पर निजी स्वार्थों के लिए पार्टी छोड़ने की बात कही जाती है।
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रीता जोशी ने भी जैसे ही कांग्रेस छोड़ी उन्होंने पार्टी आलाकमान को निशाने पर लिया। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर अनदेखी का आरोप लगा दिया। वहीं कांग्रेस की ओर से पलटवार में जवाब दिया गया कि उन्होंने स्वार्थ में ऐसा किया।
रीता बहुगुणा जोशी के पार्टी छोड़ने को लेकर कांग्रेस की ओर से बताया गया कि उन्होंने अपने साथ-साथ अपने बेटे मयंक के लिए टिकट की मांग की थी। उन्होंने कांग्रेस आलाकमान से अपने लिए सेंट्रल लखनऊ से टिकट की मांग की थी। साथ ही अपने बेटे मयंक के लिए लखनऊ कैंट से टिकट मांगा था।
क्या रीता जोशी ने स्वार्थ के चलते छोड़ दी कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी रीता की इस मांग के लिए तैयार नहीं थी। माना जा रहा है कि इसी के चलते रीता ने पार्टी छोड़ दी। हालांकि रीता जोशी ने कांग्रेस के आरोपों को दरकिनार कर टिकट विवाद से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि मैंने विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मांगा।
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ये कोई इकलौता मामला नहीं है। बीएसपी के बड़े नेता रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी कुछ महीने पहले ही बीएसपी से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया। उन्होंने जब बीएसपी छोड़ी तो पार्टी अध्यक्ष मायावती पर तीखा हमला बोल दिया।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी छोड़ने के बाद मायावती को दौलत की बेटी तक बता दिया था। हालांकि मायावती की ओर से स्वामी प्रसाद मौर्य पर पलटवार करते हुए कहा गया कि उन्होंने निजी स्वार्थ के चलते पार्टी छोड़ी है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी छोड़ी थी बीएसपी, बीजेपी में हुए थे शामिल
मायावती ने बताया था कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने साथ-साथ अपनी बेटी और परिवार के सदस्यों के लिए टिकट मांगे थे। जब उनकी मांग नहीं मानी गई तो उन्होंने पार्टी छोड़ दी। हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्या ने माया के आरोपों को खारिज किया था।
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स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह ही बीएसपी के एक और बड़े नेता और राष्ट्रीय महासचिव आरके चौधरी ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने भी मायावती पर टिकट बेचने का आरोप लगाया था। उस समय भी बीएसपी की ओर से उन पर निजी स्वार्थ के लिए पार्टी छोड़ने की बात कही गई थी।