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नियुक्ति विवाद पर बोले रक्षा मंत्री पार्रिकर, तो कंप्‍यूटर ही चुन लेता आर्मी चीफ

इंडियन आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति विवाद पर बोले रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर। रक्षा मंत्री ने कहा सारे नियमों का पालन करके ही सरकार ने की है आर्मी चीफ की नियुक्ति।

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नई दिल्‍ली। रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने पहली बार इंडियन आर्मी चीफ की नियुक्ति विवाद पर चुप्‍पी तोड़ी है। रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्‍शी और पीएम हारिज को नजरअंदाज कर जनरल बिपिन रावत को आर्मी चीफ बनाए जाने पर सरकार के फैसले का बचाव किया।

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कहां से आया वरिष्‍ठता का सिंद्धांत

लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्‍शी और लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हारिज दोनों ही जनरल रावत से सीनियर हैं और ऐसे में जब रावत को आर्मी चीफ बनाया गया तो एक अनचाहा विवाद शुरू हो गया। रक्षा मंत्री पार्रिकर ने कहा कि अगर सीनियॉरिटी के आधार पर कोई फैसला लेना होता तो फिर रक्षा मंत्री का क्‍या काम होता, फिर तो कंप्‍यूटर की मदद से ही नियुक्ति कर दी जाती। साथ ही उन्‍होंने यह भी साफ किया कि भारत में अमेरिका की तर्ज पर चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ का कोई पद नहीं होगा। रक्षा मंत्री ने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया को यह जानकारी दी। उनसे पूछा गया था कि क्‍या सरकार ने वरिष्‍ठता के सिद्धांत को अपनाना बंद कर दिया है? इस पर उनका जवाब था कि वरिष्ठता का सिद्धांत कहां से आया। आर्मी चीफ चुनने के लिए के लिए एक प्रक्रिया बनी हुई है और इसके तहत सारे कमांडरों को परखा जाता है। फिर हालात के आधार पर फैसला किया जाता है। प्रक्रिया कहीं नहीं कहती है कि वरिष्ठता नियम है। अगर इस तरह से फैसला होता तो किसी प्रक्रिया की जरूरत नहीं होती, किसी रक्षा मंत्री की जरूरत नहीं होती, कैबिनेट की किसी समिति से मंजूरी की जरूरत नहीं होती। सिर्फ डेट ऑफ बर्थ पर ही फैसला हो जाता।

सारे ऑफिसर्स बेहतर थे इसलिए लगा समय

रक्षा मंत्री पार्रिकरन ने भरोसा दिलाया कि आर्मी चीफ चुनने की प्रक्रिया के दायरे में आए सारे ऑफिसर्स अच्‍छे थे और इसलिए ही सरकार को चार-पांच माह का समय गया। वहीं चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ पर सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह काफी संवेदनशील विषय है, इसे अमेरिका से कॉपी कर नहीं अपनाया जा सकता है। इन हालातों में पश्चिमी सिस्टम में बदलाव कर इन्हें अपनाना होगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का तीनों सेना प्रमुखों पर किस तरह का कंट्रोल हो, इस पर विचार विमर्श जारी है। पर्रिकर की ओर से मई 2016 में शेकातकर कमेटी बनाई गई थी और इस कमेटी ने भी जो रिपोर्ट रक्षा मंत्री को सौंपी है, उसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की वकालत की गई है। लेकिन इसे भारत की जरूरतों के आधार पर बनाने की सलाह भी दी गई है।

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English summary
Defence Minister Manohar Parrikar has said that all the procedures were 'perfectly followed' by the government in appointing the new Army Chief.
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