2016 में होगी एक गर्म शुरुआत, झुलसेगा उत्तर भारत
नई दिल्ली। दिसंबर के महीने में जिस तरह से दिल्ली-यूपी कोहरे की चादर तले दब जाता था, उसे देख अच्छे-अच्छों की हालत खराब हो जाती थी। इस साल जिससे पूछो वही कह रहा है, "ठंड तो है, लेकिन उतनी नहीं।" छह महीने बाद इन्हीं लोगों से जब आप सवाल करेंगे तो, जवाब मिलेगा, अरे गर्मी की मत पूछो, पहले से भी ज्यादा है। यह सिलसिला शुरू होगा 2016 में और निरंतर चलता रहेगा। और 2065 आते-आते भारत का अधिकतम तापमान 3 डिग्री तक बढ़ चुका होगा।
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मौसम वैज्ञानिकों ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार अगले 20 वर्षों तक भारत के तापमान में 0.3 से 0.5 डिग्री सेल्सियस तापमान में बढ़ोत्तरी हर साल होगी। यह सिलसिला 2016 से शुरू हो चुका है। 2035 तक हर साल तापमान में वृद्धि होगी और उसके बाद 11 साल तक यह परिवर्तन नहीं होगा।
इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की इस रिपोर्ट के मुताबिक मौसम का यही चक्र एक बार फिर 2046 में शुरू होगा और 2065 तक चलेगा और उस दौरान भारत के तापमान में 2 से 3 डिग्री तक हर साल बढ़ेगा।
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वैज्ञानिकों के अनुसार शताब्दी के अंत तक भारत के तापमान में 3 से 4 डिग्री तक की वृद्धि हो चुकी होगी। जबकि उत्तर भारत का तापमान 3 से 5 डिग्री तक बढ़ेगा।
यानी 30 जून 2016 को अगर तापमान 46 डिग्री सेल्सियस रहा तो वैज्ञानिकों की गणना के मुताबिक 30 जून 2099 को तापमान 51 डिग्री होगा। जो वाकई में भयावह होगा।
दक्षिण भारत की तुलना में उत्तर भारत ज्यादा गर्म रहेगा।
2022
के
बाद
से
भारत
में
मॉनसून
अब
पहले
की
तुलना
में
लंबा
होगा।
इसका
प्रभाव
मौसमी
फसलों
पर
पड़ेगा।
ज्यादा
नमी
और
तापमान
की
वजह
से
आंधी-तूफान
आने
की
आशंका
ज्यादा
रहेगी।