महिला को बताया गर्भवती, जांच हुई तो पता चला पेट में है ट्यूमर
दुनिया में डॉक्टरों को भगवान कहा जाता है क्योंकि वो लोगों की जान बचाते हैं। पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इलाज के दौरान कुछ ऐसा कर देते हैं जिसे व्यक्ति जिंदगी भर नहीं भूल पाता है।
नई दिल्ली। दुनिया में डॉक्टरों को भगवान कहा जाता है क्योंकि वो लोगों की जान बचाते हैं। पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इलाज के दौरान कुछ ऐसा कर देते हैं जिसे व्यक्ति जिंदगी भर नहीं भूल पाता है।
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ऐसा ही एक वाकया तमिलनाडु में एक महिला के साथ हुआ। असीना नाम की महिला चेन्नई के एक सरकारी हॉस्पिटल में जब जांच करवाने गई तो अस्पताल वालों ने बताया कि वो गर्भवती है।
पर जब कुछ दिन के बाद वो फिर से किसी दूसरे प्राइवेट हॉस्पिटल में जांच करवाने पहुंची तो उसे पता चला कि वो गर्भवती नहीं है। बल्कि उसके पेट में ट्यूमर है।
असीना को जैसे ही यह पता चला वो एक सदमा सा लगा। इसके बाद इस खबर के राष्ट्रीय मीडिया में आने पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने तमिलनाडु के उस सरकारी अस्पताल को नोटिस जारी किया है, जिसने उस महिला की डायग्नोसिस की थी।
23 नवंबर को इस बावत मीडिया में रिपोर्ट आई थीं। एनएचआरसी ने इस रिपोर्ट का खुद सज्ञान लेते हुए यह नोटिस जारी किया है। महिला का इलाज कस्तूरी बाई गर्वनमेंट जनरल मेटरनिटी हॉस्पिटल में कराया था। सरकारी अस्पताल में आठ महीनों तक महिला को यहीं बताया जाता रहा कि वो गर्भवती है।
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अप्रैल में जब असीना सरकारी अस्पताल गई हुई थी तब ही उसे गर्भवती होने की सूचना दी गई थी। आठ महीने बीत जाने के बाद भी जब महिला को डिलीवरी पेन नहीं हुआ तो उसने फिर से प्राइवेट अस्पताल जाकर जांच करवाई। इस बार महिला के सामने जो तथ्य आए, उसे देखकर उसकी पैरों तले जमीन ही खिसक गई।
आयोग ने तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि सही इलाज पाना एक मरीज का अधिकार है और अस्पताल ने उस मरीज के अधिकारों का हनन करने के साथ कभी न भरने वाला जख्म दिया है।