नोटबंदी की वजह से नहीं मिल सकते नगरोटा हमले के सुबूत!
नगरोटा के आर्मी कैंप में दाखिल होने वाले आतंकियों की गतिविधियों से जुड़ी सीसीटीवी फुटे गायब। आतंकी हमले थी अहम सुराग।
नगरोटा। नगरोटा आतंकी हमले से जुड़े अहम सुराग के गायब होने की खबरें हैं। ऐसी जानकारी आ रही है कि हमले में आतंकियों के आर्मी कैंप में दाखिल होने से जुड़ी गतिविधियों की सीसीटीवी फुटेज गायब है।
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दो हफ्तों से ऑफ सीसीटीवी कैमरा
जम्मू कश्मीर के टोल प्लाजा पर जो सीसीटीवी कैमरा लगे हैं वह पिछले दो हफ्तों से ऑफ हैं। बताया जा रहा है कि नोटबंदी के बाद से कोई टोल टैक्स नहीं लिया जा रहा था इसलिए कैमरा को ऑन करना भी जरूरी नहीं समझा गया।
टोल कलेक्शन न होने की वजह से अथॉरिटीज को सीसीटीवी कैमरा ऑन करने की जरूरत महसूस नहीं हुई। इसलिए टोल प्लाजा पर लगे सभी 16 सीसीटीवी कैमरा ऑफ थे।
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आर्मी कैंप से चार किमी तक की दूरी पर कैमरा
इन कैमरा को आर्मी कैंप से चार किलोमीटर की दूरी पर इंस्टॉल किया गया था। ये कैमरा आतंकियों की गतिविधियों से जुड़ीं कई अहम जानकारियां मुहैया करा सकते थे।
अभी तक यह नहीं पता लग सका है कि आखिर आतंकी कैसे आर्मी कैंप तक पहुंचे। आतंकी पैदल चलकर कैंप तक पहुंचे या फिर उन्हें किसी स्थानीय जासूस ने वहां तक छोड़ा, इस पर अभी तक सवाल बना हुआ है। जांचकर्ता इस बात की तह तक जाने में लगे हुए हैं।
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आतंकियों के पास थीं सारी जानकारियां
इस बात की भी जांच हो रही है कि नगरोटा आतंकी हमले में किसी स्थानीय जासूस का हाथ हो सकता है। जिस तरह से हमले को अंजाम दिया गया है उससे यह बात जाहिर होती है कि आतंकियों के पास कैंप की सारी जानकारी थीं।
आतंकियों ने जिस तरह से दीवार फांदी उससे भी यही लगता है कि उनके पास कैंप की सुरक्षा से जुड़ी सभी जानकारियां थीं।
वे जानते थे कि कैंप में सुरक्षा कितनी है। आतंकी कैंप से जुड़ी सारी अहम जानकारियों से लैस होकर ही यहां पर हमले के लिए पहुंचे थे।