Video: आजादी गंदगी से: पति के पास मोबाइल खरीदने के पैसे हैं लेकिन शौचालय बनवाने के नहीं
गांवों में शौचालय को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए एक गाना लॉन्च किया गया है।
नई दिल्ली। गांवों में शौचालय को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए एक गाना लॉन्च किया गया है। इस गाने की खास बात ये है कि इसे गांव की ही महिलाओं ने गाया है। भागीरथी फिल्म्स के यूट्यूब चैनल पर 'आज़ादी गंदगी से' शीर्षक के साथ लॉन्च किए गए गाने में महिलाएं अपने आसपास के पुरुषवादी समाज पर कटाक्ष करते हुए ज़ोर दे रही हैं कि शौचालय को टीवी और मोबाइल से कम प्राथमिकता दी जाती है और बाहर खुले में शौच करने से उनके शरीर पर बीमारियां हावी रहती हैं।
आपको बता दें कि यह गाना 2014 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित डॉयरेक्टर विनोद कापड़ी की डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'कान्ट टेक दिस शिट एनीमोर' का हिस्सा है और अब इसे इसके पूर्ण रूप में बनाया गया है। लगभग साढ़े चार मिनट के इस गानो को कवि - लेखक आलोक श्रीवास्तव ने लिखा है।
'कान्ट
टेक
दिस
शिट
एनीमोर'
का
विषय:
यह
फिल्म
घर
में
शौचालय
ना
होने
से
महिलाओं
के
जीवन
पर
पड़ने
वाले
बुरे
प्रभाव
को
दर्शाती
है
और
उन
6
महिलाओं
की
शौचालय
के
लिए
छेड़ी
जंग
को
दिखाती
जो
हिम्मत
कर,
शौचालय
ना
होने
के
कारण
अपने
पति
का
घर
छोड़कर
चली
गईं।
साल 2013 और 2014 में उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले से 6 महिलाएं ससुराल में शौचालय ना होने की वजह से अपने मायके चली गई थीं, उनकी मांग थी कि घर में ही शौचालय बनवाया जाए जिससे उन्हें शौच के लिए खेत या सड़क पर ना जाना पड़े। आखिर में प्रशासन और उनकी मांगें माननी पड़ीं और वे शौचालय बनने के बाद ही अपने ससुराल वापस लौटीं। इन 6 महिलाओं के इस साहसिक कदम को दुनिया भर में काफी सराहा गया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की भी काफी नज़र बनी रही।
भारत में लगभग 63 करोड़ लोग शौचालय के अभाव में जीवन यापन कर रहे हैं और खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं। इसमें लगभग 30 करोड़ महिलाएं भी शामिल हैं। Unicef की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार जैसी ज्यादातर घटनाएं तब होती है जब वे शौच के लिए बाहर जाती हैं।
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