वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनते ही कांग्रेस मुक्त हुई दिल्ली
नई दिल्ली। शनिवार को जैसे ही शाम 7 बजे उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का ऐसलान हुआ उसके बाद से दिल्ली पूरी तरह से कांग्रेस मुक्त हो गई। देश के शीर्ष तीन पदों पर अब बीजेपी का अधिकार है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू और पीएम नरेंद्र मोदी की वजह से अब दिल्ली पूरी तरह से कमल के हाथ में हैं और इस तरह से देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस की पकड़ से केंद्रीय सत्ता पूरी तरह छूट चुकी है।
आखिरकार ना-ना करते उषा-पति वेंकैया नायडू बन ही गए देश के 13वें उपराष्ट्रपति
कांग्रेस मुक्त भारत
जिससे लगता है कि अब बीजेपी का कांग्रेस मुक्त भारत वाला सपना जल्द पूरा होगा। कांग्रेस के सारे समीकरण फेल हो चुके हैं। देश पर एक दशक तक शासन करने वाली यूपीए आज एक जीत के लिए तरस गई है तो वहीं, इस जीत के साथ बीजेपी ने कामयाबी के नए कीर्तिमान गढ़े हैं। कोई शक नहीं कि आने वाले वक्त में पार्टी की देश की सत्ता पर पकड़ और मजबूत होने वाली है।
देश के एक तिहाई हिस्से पर कमल का कब्जा
देश के एक तिहाई हिस्से पर कमल का कब्जा हो चुका है, बीजेपी ने राजनीतिक चालें ऐसी चली हैं, जिससे देश के कई हिस्सों में उसने बंपर जीत हासिल की है तो वहीं कुछ जगहों पर जीत हासिल ना कर पाने के बाद भी उसने सरकार बना ली है।
बीजेपी की जीत की अहमियत
उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी की जीत की अहमियत इसलिए है क्योंकि राज्यसभा में अब उसे वो बिल पास कराने में दिक्कत नहीं होगी, जो कि नंबर कम होने के कारण वो पास नहीं करा पाती थी।
2019 का लोकसभा चुनाव
ये जीत साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत का संकेत दे रही है, फिलहाल कांग्रेस हाशिए पर है भारत के दिल दिल्ली में केवल बीजेपी ही धड़क रही है।
श के 13वें उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू
आपको बता दें देश के 13वें उपराष्ट्रपति एनडीए उम्मीदवार वेंकैया नायडू बन गए हैं, उन्होंने इस चुनाव में पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल और गांधीजी के पौत्र गोपालकृष्ण गांधी को भारी अंतर से हराया है। मालूम हो कि इस चुनाव में कुल पड़े 771 वोटों में वेंकैया नायडू को 516 वोट, तो गोपालकृष्ण गांधी के खाते में 244 वोट मिले है, जिसके बाद अब तक केवल उषा पति कहलाने वाले वैंकेया अब आजाद भारत के 13वें उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति बन गए हैं।