हिंसा और आगजनी के बाद आज वाराणसी शांत, स्कूल-कॉलेज बंद
वाराणसी। बम-बम भोले के नारों से गुंजने वाली काशी की नगरी वाराणसी सोमवार को हिंसा की आग में धूं-धूं कर जलने लगी। दरअसल हुआ यह कि 22 सितंबर की रात साधु संतों पर हुए बर्बर लाठीचार्ज के विरोध में सोमवार को अन्याय प्रतिकार रैली निकाली गई थी। इस यात्रा के दौरान जमकर हिंसा हुई। आगजनी और भयंकर तोड़फोड़ के बाद वाराणसी के कोतवाली, चौक और दशाश्वमेघ थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया।
हालांकि हालत सुधरता देख कर्फ्यू हटा लिया गया है। वहीं पुलिस ने हिंसा और आगजनी के मामले में 29 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। स्थिति के तनावपूर्ण बने होने के कारण सोमवार रात यहां अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है। प्रशासन ने मंगलवार को स्कूल एवं कॉलेज बंद रखने के आदेश भी दिए हैं। आईए विस्तार से जानते हैं पूरे मामले को:
कब क्या हुआ
पिछले दिनों वाराणसी में साधु संतों पर हुए बर्बर लाठी चार्ज की घटना के विरोध में अन्याय प्रतिकार यात्रा निकाली गई थी। इस यात्रा में सैकड़ों साधु-संतों के साथ-साथ बीजेपी और कांग्रेस के विधायक और स्थानीय नागरिक भी शामिल थे। करीब तीन किलोमीटर की रैली जैसे ही गौदोलिया इलाके में उस जगह पर पहुंची जहां पर पिछले दिनों स्वामी अवमुक्तेश्वरानंद और साधु-संतों को जमकर पीटा गया था। वहां पहुंचने पर भीड़ उग्र हो गई। लोगों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया।
भीड़ ने गोदौलिया पुलिस बूथ में आग लगा दी। बूथ के पास खड़ी एक मजिस्ट्रेट की जीप, फायर ब्रिगेड की गाड़ी व पुलिस की वैन, लगभग दो दर्जन बाइक आग के हवाले कर दी गईं। इस दौरान गोदौलिया तांगा स्टैंड पर कहीं से दो पेट्रोल बम भी फेंके गए। इससे आग और तेजी से फैली। उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पहले लाठियां पटकीं, फिर आंसू गैस और रबड़ बुलेट का इस्तेमाल किया। हवाई फायरिंग भी हुई।
कर्फ्यू के बाद आज बंद स्कूल और दुकाने
आज वाराणसी में शांति कायम है। प्रशासन ने स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने के निर्देश दिया है। जिन चार थानों में कर्फ्यू लगाया गया था वहां कर्फ्यू हटाकर फोर्स तैनात कर दी गई है।