यूपी को 'गधा' ही रास आया, 'बबुआ' की बातों को दिल पर ले लिया
पीएम मोदी और उनकी रैलियों में भी काफी गुणगान 'गधे' का किया गया, जिसके चलते लोगों को 'गधे' में भी ईमानदारी नजर आई और नतीजा 'मोदी सुनामी' आ गई।
लखनऊ। यूपी चुनाव के परिणामों ने बता दिया कि प्रदेश को 'गुजरात को गधों' पर ज्यादा भरोसा है और वो केसरिया रंग से ही होली खेलना चाहते हैं।
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पीएम मोदी और उनकी रैलियों में भी काफी गुणगान 'गधे' का किया गया, जिसके चलते लोगों को 'गधे' में भी ईमानदारी नजर आई और नतीजा 'मोदी सुनामी' आ गई।
गुजरात के 'गधों' का प्रचार न करें
आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने रायबरेली में चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली में कहा था कि टीवी पर एक गधे का विज्ञापन आता है, मैं सदी के महानायक से अपील करता हूं कि वह गुजरात के 'गधों' का प्रचार न करें।
अखिलेश की साइकिल पंचर की
जिसके बाद टीपू की इस बात को पीएम से लेकर हर बीजेपी मैन ने खूब भूनाया और 'गधे' की ऐसी तस्वीर लोगों के सामने पेश की, जिसने ना केवल चुनाव में अखिलेश की साइकिल पंचर की, बल्कि हाथी और पंजे को भी तहस-नहस कर दिया।
चुनाव में इतिहास रच दिया
कहा भी जाता है ना कि गधा जब लात मारता है कि अच्छे-अच्छों की बैंड बज जाती है, यूपी इलेक्शन का ये रिजल्ट इसका साक्षात उदाहरण है और भाजपा में यूपी चुनाव में इतिहास रच दिया।
मालिक का वफादार होता
गौरतलब है कि अखिलेश के इस बयान का सबसे पहले पीएम मोदी ने जवाब दिया था, उन्होंने इसे गुजरात की माटी से जोड़ते हुए अपने अंदाज में कहा था कि गधा अपने मालिक का वफादार होता है, गधा कितना ही बीमार हो, भूखा हो, थका हो, लेकिन अगर मालिक उससे काम लेता है तो सबकुछ सहन करते हुए मालिक का दिया काम पूरा करके ही रहता है।
मैं गधे से गर्व के साथ प्रेरणा लेता हूं
पीएम ने खुद को गधे से जोड़ते हुए कहा था सवा सौ करोड़ देशवासी मेरे मालिक हैं, वो मुझसे कितना काम लेते हैं, मैं करता हूं, थक जाऊं तो भी करता हूं क्योंकि मैं गधे से गर्व के साथ प्रेरणा लेता हूं।
एक 'गधा' दूसरे हर जानवर से बेहतर
भाजपा ने अखिलेश के इस बयान को हर चुनावी रैली में भूनाया और लोगों को ये समझाने में सफल रहे कि एक 'गधा' दूसरे हर जानवर से बेहतर और अच्छा होता है और ये भरोसा ही वोट बैंक में तब्दील हो गया।