क्या है गौ मांस को लेकर हुआ दादरी हत्याकांड, जानिए पूर्ण विवरण
दादरी। ग्रेटर नोएडा के ददारी में लाउडस्पीकर से एनाउंसमेंट के बाद जिस तरह अखलाक की हत्या हुई उसने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसी बातें सामने आ रही हैं कि बीते सोमवार को मोहम्मद अखलाक (52) ने कथित तौर पर एक बछड़े को काटा था और उनके घर में बीफ पाए जाने पर करीब 100 लोगों ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी थी। आरोप लग रहे हैं कि मंदिर के लाउडस्पीकर से गौमांस पकाने की अफवाह उड़ी थी।
क्या था पूरा मामला?
अखलाक के परिवार ने बताया कि गांव के एक मंदिर के लाउडस्पीकर से इस बात का एलान हुआ कि उनके घर पर गाय काटकर उसका मांस पकाया गया है। अखलाक की पत्नी ने बताया कि इस एलान के बाद रात करीब साढ़े दस बजे गांव के 14-15 लोग हाथों में लाठी, डंडा, भाला और तमंचा लेकर घर की तरफ गाली-गलौज करते हुए आए और दरवाजे को धक्का मारकर घुस गए और मेरे पति अखलाक और बेटे दानिश को जान से मारने की नीयत से मारने लगे थे। मैंने रोकने की कोशिश की तो मुझे गालियां देते हुए मारकर धकेल दिया। मेरे पति और मेरा बेटा बिल्कुल मरने की हालत में हो गये।
पुलिस ने भी जो किया वो अजीब था
हत्या की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने अखलाक की हत्या के सबूत जुटाने से पहले इस बात की तफ्तीश में लग गई कि उसके परिवार ने गाय का मांस खाया था या नहीं। अखलाक के घर से पुलिस ने खून में सने हुए कपड़ों को बरामद नहीं किया, बल्कि फ्रिज में रखे गोश्त को जब्त किया और यह जांच करवाने के लिए लैब में भेज दिया कि क्या सच में वह मांस गाय का था या नहीं। पुलिस के अधिकारी ने कुछ समय बाद बयान भी दिया कि वह गाय का नहीं बल्कि बकरे का गोश्त था। लेकिन मूल सवाल यह है कि आखिर पुलिस की प्राथमिकता हत्या की तफ्तीश की जगह गोश्त की तफ्तीश करना क्यों था?
इलाके में लगा धारा 144
केंद्रीय मंत्री शर्मा को अखलाक के परिजनों के विरोध का सामना भी करना पड़ा। शर्मा के दौरे के बाद दादरी इलाके में धारा 144 लगा दी गई।
दहशत से मुस्लिम छोड़ रहे हैं गांव
हत्या के बाद फैली हिंसा तो थम गई है लेकिन दहशत कायम है। आलम यह है कि 4 मुस्लिम परिवारों ने गांव छोड़ दिया है। आपको बता दें कि गांव में लगभग 50 मुस्लिम परिवार रहते है। उन्हें लगातार यह डर सता रहा है कि कहीं इखलाक की तरह हिंदू समाज उनकी भी हत्या न कर दें।
पुजारी से जबरन कराया गया था एलान
मंदिर के पुजारी सुखदेव दास आचार्य ने खुलासा किया है कि घटना की रात में दो लोग जबरदस्ती मंदिर में घुस आए। उन्होंने डरा-धमका कर जबरन उनसे गौमांस से संबंधित घोषणा करवाई। वह उन लोगों को शक्ल से पहचानते हैं, लेकिन नाम नहीं जानते।