डिंपल की साईकिल को पंचर करने वाले अमर सिंह क्या दौड़ा पायेंगे अपर्णा को?
अंकुर शर्मा
लखनऊ। इन दिनों यूपी की सत्ता गलियारों में दो खबरों ने काफी सुर्खियां बनायी हुई हैं, पहली तो अमर सिंह की सपा में वापसी की और दूसरी सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव की राजनीति में एंट्री की।
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अंदर की खबर रखने वालों का कहना है कि अमर सिंह एक बार फिर से यूपी चुनावों में सपा के लिए सक्रिय होने जा रहे हैं और अपर्णा यादव के लिए एक मजबूत चुनावी बिसात बिछाने की तैयारी कर रहे हैं या यूं कहें एक बार फिर से वो मुलायम के पुराने वाले छोटे भाई बनने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन जरा इतिहास पर गौर फरमाते हैं और बात करते हैं साल 2009 की।
चाचा अमर सिंह क्या दौड़ा पायेंगे बहू अपर्णा यादव को?
अमर सिंह की हर बात मानने वाले मुलायम सिंह ने साल 2009 के उपचुनाव में फिरोजाबाद की सीट पर अपनी बड़ी बहू डिंपल यादव को खड़ा किया था। यह सीट अखिलेश यादव ने जीती थी। अखिलेश यादव ने कन्नौज और फिरोजाबाद दोनों जगह से चुनाव लड़ा था और जीता था लेकिन जीतने के बाद अखिलेश ने कन्नौज की सीट अपने पास रख ली और फिरोजाबाद की सीट छोड़ दी।
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जिसके कारण वहां उपचुनाव हुआ जहां उनकी पत्नी डिंपल यादव ने चुनाव लड़ा। तब अमर सिंह ने जबरदस्त ढंग से डिंपल यादव को यूपी की सत्ता में 'यंगेस्ट वोमेन' और ब्यूटी विद माइंड' कहकर प्रचारित किया था लेकिन उसी समय उनके कहने पर मुलायम सिंह ने अपने पुराने दुश्मन कल्याण सिंह को सपा में शामिल करके गलत दांव खेला था जिसका खामियाजा उन्हें जीती हुई फिरोजाबाद की सीट को गंवाकर चुकाना पड़ा। डिंपल यादव भारी मतों से इस सीट पर इंडियन नेशनल कांग्रेस के उम्मीदवार राज बब्बर से हार गई थीं।
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इस हार के बाद सपा की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आयी और पार्टी के तत्कालीन सर्वे-सर्वा रामगोपाल यादव और आजम खां ने अमर सिंह के खिलाफ बिगुल फूंक दिया जिसके चलते अमर सिंह को सपा से बाहर होना पड़ा।
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एक बार फिर से सपा चुनावी दौर में हैं और उम्मीदवार सपा सुप्रीमो मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव है। चुनावी मैदान लखनऊ कैंट है और प्रचारक शायद एक बार फिर से अमर चाचा ही होंगे देखना दिलचस्प होगा कि चाचा का दांव इस बार साईकिल की रफ्तार तेज करता है या फिर पंचर।
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