कानूनी चक्कर में फंसा यूपीएससी टॉपर, हैदराबाद कोर्ट ने जारी किया नोटिस
हैदराबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक नोटिस जारी कर गोपालकृष्ण रोनाकी को अपने विकलांगता प्रमाण पत्र कि सत्यता को साबित करने के लिए कहा है।
नई दिल्ली। सिविल सर्विस एग्जाम 2016 में तीसरा स्थान पाने वाले गोपालकृष्ण रोनाकी कानूनी पचड़े में फंस गए हैं। हैदराबाद हाईकोर्ट ने गोपाल कृष्ण रोनाकी को नोटिस जारी किया है और अपनी विकलांगता को साबित करने के लिए कहा है।
हैदराबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक नोटिस जारी कर गोपालकृष्ण रोनाकी को अपने विकलांगता प्रमाण पत्र कि सत्यता को साबित करने के लिए कहा है। कोर्ट ने गोपालकृष्ण रोनाकी से कहा है कि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में शामिल होने के दौरान जो विकलांगता प्रमाण पत्र लगाया है उसकी सत्यता को साबित करें।
दरअसल हैदराबाद कोर्ट के एक वकील मुरली कृष्ण ने कोर्ट में याचिका दायर कर बताया है कि गोपालकृष्ण रोनाकी ने सिविल सेवा परीक्षा में छूट पाने के लिए फर्जी विक्लांग प्रमाण पत्र लगाया है। मुरलीकृष्ण ने कोर्ट को बताया है कि गोपालकृष्ण ओबीसी कैटेगरी से आते है और उन्होंने 2016 के सिविल सर्विस एग्जाम में फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र के जरिए सफलता हासिल की है उनका विकलांगता प्रमाण पत्र झूठा है।
इस मामले में हैदराबाद हाईकोर्ट ने गोपालकृष्ण रोनाकी के साथ-साथ , यूपीएससी, केंद्र सरकार और आंध्रप्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने रोनाकी को तीन हफ्ते के भीतर अपने विक्लांगता प्रमाण पत्र की सत्यता को साबित करने को कहा है।
वहीं गोपालकृष्ण रोनाकी के भाई रोनाकी कोडांडा राव का कहना है कि 2002 में जब गोपालकृष्ण दसवीं में थे तभी पेड़ से गिर गए थे जिसके बाद उनका दाहिना हाथ टूट गया उसके बाद से वो दाहिने हाथ से लगातार आधे घंटे से ज्यादा लिखने में अक्षम हैं। इस संबंध में गोपालकृष्ण को विकलांगता प्रमाणपत्र भी मिला है। यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद गोपालकृष्ण की जांच दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में कराई गई थी।गोपाल कृष्ण रोनाकी अभी सेकेंडरी स्कूल में शिक्षक है, उनका कहना है कि उन्होंने कठीव परिश्रम कर सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता हासिल की है।