राष्ट्रीय अधिवेशन में 4 प्रस्ताव, अखिलेश राष्ट्रीय अध्यक्ष, शिवपाल-अमर सिंह को निकाला
महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा बुलाए गए विशेष अधिवेशन में आज पार्टी नेताओं ने जो कुछ कहा,उससे साबित हो गया कि सपा में अभी भी कुछ सही नहीं है।
लखनऊ। राजधानी में समाजवादी पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा बुलाए गए विशेष अधिवेशन में आज पार्टी नेताओं ने जो कुछ कहा,उससे साबित हो गया कि सपा में अभी भी कुछ सही नहीं है। अधिवेशन में आज पार्टी नेता रामगोपाल यादव के 4 प्रस्ताव पेश हुए हैं।
क्या हैं ये 4 प्रस्ताव
- सपा नेताओं ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष मान लिया है।
- उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शिवपाल यादव को पद से हटा दिया गया है।
- पार्टी महासचिव अमर सिंह को भी पार्टी ने निकालने का प्रस्ताव रखा गया है।
- और मुलायम सिंह को मार्गदर्शक की भूमिका दी गई है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने क्या कहा
- राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मेरे दिल में नेताजी का बहुत सम्मान है लेकिन कुछ लोग उनसे मिलकर के न जाने क्या-क्या फैसले करवा रहे हैं।
- एक बेटा होने के नाते मेरी ये जिम्मेदारी है कि मैं ऐसे लोगों को रोकूं।
- रामगोपाल यादव ने कहा कि पार्टी के लिए यह आपातकाल की स्थिति है।
- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खूब काम किया लेकिन उन्हें साजिश कर उनके पद से हटा दिया गया।
- रामगोपाल यादव ने नेताजी से अखिलेश को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा है।
- तो वहीं उन्होंने राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह को पार्टी से निकालने का प्रस्ताव रखा है।
- उन्होंने शिवपाल सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद तथा अमर सिंह को पार्टी से हटाने का प्रस्ताव रखा।
- रामगोपाल यादव ने अधिवेशन में कहा, दो लोगों ने साजिश कर अखिलेश को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से हटाया,ये लोग नहीं चाहते थे कि अखिलेश फिर से मुख्यमंत्री बने।
- मुलायम ने फैसले से पहले शिवपाल यादव के साथ बैठक की थी।
- इस अधिवेशन के लिए शहर में लगे पोस्टर होर्डिंग्स से शिवपाल की तस्वीरें भी गायब हैं।
- इस समारोह में शिवपाल यादव नहीं हैं।
- इससे पहले पार्टी अधिवेशन को मुलायम सिंह यादव ने लेटर जारी कर खारिज कर दिया है।
- सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने इस अधिवेशन को असंवैधानिक करार देते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से इसमें शामिल नहीं होने को कहा है।
नेता आजम खां की कोशिशें रंग लाईं
इस अधिवेशन में लोग उम्मीद कर रहे थेे कि अखिलेश उन लोगों के खिलाफ के खुलकर बोलेंगे जो कि सपा के हो रहे कलह के लिए जिम्मेदार हैं,हालांकि ऐसा नहीं हुुआ। विवाद और मिलाप के बावजूद इस अधिवेशन को रद्द नहीं किया गया । आपको बता दें कि शनिवार को 20 घंटे के नाटक के बाद आखिरकार सपा के कद्दावर नेता आजम खां की कोशिशें रंग लाईं और उनके कहने पर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव का निष्कासन रद्द कर दिया।
सपा एक साथ 'सांप्रदायिक ताकतों' से लड़ेगी
जिसके बाद ये तय हुआ कि सभी साथी बैठकर उम्मीदवारों की नई सूची तैयार करेंगे और पूरी पार्टी एकजुट होकर 'सांप्रदायिक ताकतों' से मिलकर लड़ेगी।
अमर सिंह के खिलाफ जल्द कोई बड़ी कार्रवाई
मुलायम ने कहा था कि पार्टी में सब ठीक है लेकिन अधिवेशन की बातें सुनने के बाद नहीं लग रहा कि यहां सब ठीक है।