सरकार बनते ही कश्मीर में तकरार, पीडीपी-भाजपा दोस्त या दुश्मन?
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में भाजपा और पीडीपी गठबंधन सरकार के बीच शपथ लेने के तुरंत बाद तकरार शुरू हो गई है। विवाद की जड़ मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद का एक पाकिस्तान परस्त बयान रहा। अब भाजपा ने भी उन पर वार कर दिया है। जानकारों का कहना है कि अगर दोनों दलों ने बहुत सावधानी से कदम नहीं उठाए तो इस सरकार का चला कठिन हो जाएगा।
शपथ लेते ही विवाद
मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद एक विवादास्पद बयान में कहा कि अलगाववादियों, पाकिस्तान और आतंकवादियों ने मिलकर जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए बेहतर माहौल तैयार किया। सईद ने यह भी कहा था कि सज्जाद लोन जैसे लोगों ने अन्य अलगाववादियों को एक रास्ता दिखाया है।
भाजपा भी कम नहीं
उनके इस दावे के जवाब में बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव वहां की जनता, सेना और चुनाव आयोग की वजह से हुआ।" इस मुद्दे पर बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव वहां की जनता, सेना और चुनाव आयोग की वजह से हुआ।"
उधर, कांग्रेस ने पीडीपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के सरपंचों की हत्या की। पार्टी के नेता संजय झा ने कहा, "क्या अब राज्य सरकार विदेश नीति बनाएंगी?"
मुफ्ती पर निशाना
कश्मीर मामलों के जानकार एस.के. भट्ट ने कहा कि पीड़ीपी को साबित करना होगा कि उसका पृथकतावादियों से कोई लेना-देना नहीं है। उनके साथ काम करना भाजपा के लिए कठिन होगा।