8 तारीख के बाद जमा बेहिसाब रकम से आधी जब्त करेगी सरकार
सरकार को इस प्रस्ताव को प्रभाव में लाने के लिए कानून में संशोधन करना पड़ेगा।
नई दिल्ली। 8 नवंबर को नोट बंदी घोषित होने के बाद से लगभग हर दूसरे दिन नए नियम सामने आ रहे हैं। अब कालेधन के जमाखोरों और ज्यादा सरकार सख्ती दिखा सकती है। आयकर विभाग के अध्ािकारिक सूत्रों के मुताबिक अनुसार 30 दिसंबर तक जमा किए गए बेहिसाब धन की घोषणा यदि कर अधिकारियों के सामने की जाती है तो 50 प्रतिशत कर देना होगा साथ ही इस धन को चार साल तक के लिए नहीं निकाला जा सकता। यदि इसकी घोषणा अधिकारियों के समक्ष नहीं की जाएगी और इसके बारे में आयकर विभाग के अधिकारियों ने पता किया तो बेहिसाब जमा किए गए धन पर 90 फीसदी पेनाल्टी टैक्स तो लगेगा ही साथ ही उस धन को निकालने पर लंबे समय तक की रोक लगेगी।
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तब हुआ विचार
सूत्रों के अनुसार इस प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार किया गया। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इस प्रस्ताव को पीएम मोदी की मंजूरी मिल गई है। बताया जा रहा है कि आयकर कानून में अध्यादेश के जरिए संशोधन किया जा सकता है।
गौरतलब है कि 8 नवंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1,000 रुपए के बंदी की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि इससे आतंकवाद और कालेधन पर लगाम लगेगी। आपको बताते चलें कि कि अभी तक जनधन खातों में 64252 करोड रुपए से ज्यादा जमा हो चुके हैं।
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आयकर कानून में बदलाव के लिए अध्यादेश पेश करेगी सरकार
आयकर विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आयकर कानून में बदलाव के लिए सरकार अध्यादेश का सहारा लेगी। क्योंकि संसद के जरिए आयकर कानून में बदलाव करना एक लंबा रास्ता होगा। वहीं अध्यादेश के जरिए इस आयकर कानून में बदलाव किया जा सकता है।
पुराने नोटों से बांड खरीदने की योजना पर सरकार कर रही विचार
500-1000 के पुराने नोटों को खपाने के लिए केंद्र सरकार बांड खरीदने की योजना को ला सकती है। इस योजना के तहत लोगों को 500-1000 रुपए के पुराने नोटों से बांड खरीदने की सुविधा मिल सकेगी।
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क्यों कर ही है सरकार ऐसा
आपको बताते चलें कि सरकार ने अधिक पेनाल्टी का प्रस्ताव इसलिए रखा है क्योंकि लोग अपना कालाधन छुपाने के लिए जनधन खातों और दूसरे रास्तों का प्रयोग कर रहे हैं। इसलिए बेहिसाब जमा धन पर 90 फीसदी तक टैक्स पेनाल्टी लगाने का प्रस्ताव है। सरकार का मानना है कि ईमानदार लोगों को कोई परेशानी न हो और बेईमान लोगों को पूरी तरह से दंड मिले। आपको बताते चलें कि सरकार ने 30 सितंबर को समाप्त हुई आयकर योजना आईडीएस-2016 में काले धन के खुलासे पर कर, जुर्माने और अधिभार के रूप में 45 फीसदी की राशि बदलने का प्रावधान था।