एक ही मॉड्यूल ने किए गुरदासपुर और उधमपुर में आतंकी हमले
उधमपुर। जम्मू कश्मीर के उधमपुर में बुधवार को बीएसएफ के काफिले पर हुआ हमला और पिछले दिनों पंजाब के गुरदासपुर के दीनानगर की पुलिस चौकी पर हुए आंतकी हमले के पीछे एक ही मॉड्यूल का हाथ है। उधमपुर हमले के बाद जिंदा पकड़े गए आतंकी कासिम खान से सुरक्षा बलों और पुलिस की ओर से जो पूछताछ की गई उसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।
उस्मान खान उर्फ कासिम पाकिस्तान में बोली जाने वाली भाषा में बात करता है। वह गुरदासपुर हमले में शामिल मॉड्यूल का ही हिस्सा है। कासिम ने जो जानकारियां पुलिस को दी हैं उसके मुताबिक करीब 12 दिन पहले ही वह भारत आया है। उसे कई हमलों को अंजाम देने के मकसद से यहां भेजा गया। उसका टारगेट या तो अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाना था या फिर सुरक्षाबलों पर एक बड़ा हमला करना था।
सूत्रों की मानें तो कासिम एक फिदायीन ग्रुप का हिस्सा है। कासिम जहां कुछ लोगों का अपहरण करने की योजना बना रहा था तो मॉड्यूल के बाकी आतंकी बीएसएफ के खिलाफ मोर्चा संभालने में लगे थे। बताया जा रहा है कि वर्ष 2012 के बाद से जम्मू कश्मीर में कोई जिंदा आतंकी गिरफ्त में आया है।
कासिम की गिरफ्तारी बड़ा सुराग हो सकती है क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि जिस मॉड्यूल में वह शामिल है उसके जैसे कई मॉड्यूल देश में आतंकी साजिश के मकसद से शामिल हो चुके हैं।
कासिम से हो रही पूछताछ में सामने आया है कि उधमपुर हमले में शामिल आतंकियों को स्टैंडबाई रहने के आदेश दे दिए गए थे। कासिम की टीम को गुरदासपुर के बाद जम्मू कश्मीर में एक के बाद एक हमलों को अंजाम देने को कहा गया था। मंगलवार की रात ही कासिम को पाक से हमला करने का आदेश मिला था और वह अमरनाथ यात्रियों पर हमले की पूरी तैयारी में थे।
अभी तक यह पूरी तरह से साफ नहीं हो सका है कि कासिम को कैसे पकड़ा गया। बताया जा रहा है कि जिन तीन लोगों का उसने अपहरण किया था उन लोागों ने ही उसे पुलिस तक पहुंचाया। वहीं कुछ ऐसी बातें भी हो रही हैं कि हल्की मुठभेड़ के बीच कासिम की गिरफ्तारी हुई।
कासिम के मुताबिक उसे सुसाइड मिशन के लिए तैयार करके भारत भेजा गया था। पुलिस कासिम के पास से मिले एके-47 और दूसरे हथियारों की जांच कर रही है। जीपीएस की जांच के बाद इस बात यह सुनिश्चित हो सकेगा कि हमलावर पाकिस्तान से ही आए थे।