दो वर्षों में इन 10 विवादों ने भी खूब किया मोदी सरकार को परेशान
नई दिल्ली। गुरुवार यानी 26 मई को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने दो वर्ष पूरे कर लिए हैं। मई 2014 में एक इतिहास बनाते हुए और विशाल बहुमत के साथ देश की जनता ने मोदी सरकार को देश की बागडोर सौंपी थी।
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जहां दो वर्षों में सरकार के हिस्सो कई सफलताएं आईं तो वहीं कुछ ऐसे विवाद भी रहे जिन्होंने सरकार को खासा परेशान किया। हाल ही में पीएम की डिग्री वाला विवाद इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
आज सरकार के दो वर्ष पूरे होने के मौके पर आपको सरकार के उन 10 विवादों के बारे में बताते हैं जिनका जिक्र सरकार की सफलताओं का रंग कुछ हल्का कर देता है इस बात को जानने के लिए नीचे की स्लाइडोंं पर क्लिक कीजिये
पीएम की डिग्री पर विवाद
पिछले दिनों प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी की बीए और एमए की डिग्रियों को लेकर जमकर हंगामा हुआ। इस सारे विवाद की शुरूआत पीएम की शिक्षा पर एक आरटीआई का जवाब न मिलने से हुई। आम आदमी पार्टी ने दावा कर दिया कि पीएम की डिग्री फर्जी है। विवाद इतना बढ़ा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को सामने आना पड़ा।
सरकार और संस्कृत
अप्रैल में जब एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी ने लोकसभा में कहा कि आईआईटी से संस्कृत पढ़ाई जाएगी तो सरकार के साथ एक नया विवाद जुड़ गया। देखते-देखते प्रस्ताव का देशभर में विरोध शुरू हो गया।
उत्तराखंड की सियासत एक नया विवाद
इसी वर्ष मार्च में उत्तराखंड में कांग्रेस के नौ विधायकों ने बगावत कर दी थी। इसके बाद केंद्र सरकारने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया। हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार के इस फैसले को गलत करार दिया। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बहुमत साबित करके फिर से सरकार बना ली।
कन्हैया विवाद
फरवरी 2016 में जेएनयू छात्र संगठन के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को जब राजद्रोह का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया गया तो देशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए। एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी ने दखल देने से इनकार कर दिया और सरकार के खिलाफ आवाज बढ़ने लगी।
रोहित वेमुला खुदकुशी
हैदराबाद यूनिवर्सिटी में दलित छात्रों पर स्मृति ईरानी की पांच चिट्ठियों के बाद कार्रवाई और पांच छात्रों के सस्पेंशन के बाद सरकार के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई। इन्हीं छात्रों में से एक जब रोहित वेमुला ने खुदकुशी कर ली तो देशभर में विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत हो गई।
अरुणाचल में गिरवाई कांग्रेस की सरकार!
दिसंबर 2015 में अरुणाचल की कांग्रेससरकार से कुछ बागी विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया। राज्य की कांग्रेस सरकार गिर गई और कांग्रेस ने इसके लिए केंद्र की बीजेपी सरकार को दोषी ठहराया।
असहिष्णुता और अवॉर्ड वापसी
देश में बढ़ती असहिष्णुता का आरोप लगाकर कई जानेमाने लेखकों, कलाकारों, कवियों, वैज्ञानिकों और फिल्मकारों ने अपने-अपने सम्मान लौटाने शुरू कर दिए थे।
ललित मोदी विवाद
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के भगोड़े ललित मोदी की मदद करने की बात सामने आने के बाद केंद्र सरकार विवादों में घिर गई। इस विवाद की वजह से कई हफ्तों तक संसद ठप रही।
बीफ बैन
हरियाणा और महाराष्ट्र में गोहत्या को लेकर कड़े कानूनों के लागू होने का काफी विरोध हुआ। इसके बाद बीफ को बैन कर दिया गया और इस बैन ने एक विवाद का रंग ले लिया। न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी खूब चर्चा हुई।
सूट-बूट की सरकार
जनवरी 2015 में जब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत आए तो उनसे हैदराबाद हाउस में हुई मुलाकात में पीएम मोदी ने 10 लाख रुपए का सूट पहना था। सूट में पीएम मोदी का नाम प्रिंटेड था। इसके बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार के खिलाफ ‘सूट-बूट की सरकार' का नारा बुलंद किया।