पाकिस्तानी लड़की के प्यार में करने लगा भारत देश से गद्दारी, दो जासूस गिरफ्तार
भुज। गुजरात एंटी टेररिज्म स्क्वॉयड ने भुज बस स्टेशन से दो लोगों को गिरफ्तार किया है जो पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे थे और सेना के बारे में अहम जानकारियां आईएसआई तक पहुंचा रहे थे।
इनमें एक आरोपी लगातार पाकिस्तान जा रहा था जहां उसकी 17 साल की गर्लफ्रैंड थी। एटीएस का कहना है कि आरोपी को फंसाने के लिए आईएसआई ने लड़की का इस्तेमाल किया।
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आईएसआई तक सूचनाएं पहुंचा रहे थे आरोपी
40 वर्षीय अलाना हमीर समा और 38 साल के शकूर सुमरा पर आरोप है कि वे सेना और बीएसएफ के मूवमेंट के बारे में अहम जानकारियां पाकिस्तान में आईएसआई आकाओं तक पहुंचा रहे थे।
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अलाना हमीर समा पर एटीएस को संदेह है कि उसे आईएसआई ने लड़की के जरिए हनी ट्रैप किया और उसे पाकिस्तान में ट्रेनिंग भी दी गई थी।
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हाई अलर्ट
एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हाई अलर्ट की वजह से वैसे लोगों के बारे में जांच चल रही है जो पाकिस्तान आ जा रहे हैं। जांच के दौरान पता चला कि हमीर समा बार-बार पाकिस्तान जा रहा था।
अधिकारी ने बताया, 'समा पहली बार 2014 में पाकिस्तान अपने दादा के भाई से मिलने गया था। उसके बाद वह लगातार पाकिस्तान आने जाने लगा। उसकी इस गतिविधि पर एटीएस को संदेह हुआ। वह गरीब है फिर भी इतनी बार कैसे पाकिस्तान आ जा रहा था, इसी बात से उस पर शक गहराया।'
अधिकारी का कहना है, 'पहली विजिट में ही हमीर समा की मुलाकात वहां 17 साल के एक लड़की से हुई और वह उससे प्यार करने लगा। एटीएस को शक है कि आईएसआई ने हनी ट्रैप के तौर पर उस लड़की का इस्तेमाल किया। जब हमीर समा दूसरी बार पाकिस्तान गया तो स्थानीय आईएसआई एजेंट ने उसे ट्रेनिंग दी और जासूसी करने के बदले पैसे देने का वादा किया। हमीर समा का वह पैसा उसकी पाकिस्तानी गर्लफ्रैंड को दिया जाता था।'
भुज स्टेशन पर दो जासूस गिरफ्तार
पुलिस का कहना है कि भुज स्टेशन पर हमीर समा और शकूर, आईएसआई आका तक सूचनाएं पहुंचाने के मकसद से आए थे। वहां दोनों को धर लिया गया। दोनों के पास से पाकिस्तानी कंपनी की मोबाइल के साथ वहां के सिम, मेमोरी कार्ड, सीडी, पाकिस्तानी आई कार्ड समेत अन्य चीजें बरामद हुई हैं। उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
कैसे करते थे दोनों जासूसी
एटीएस के अनुसार, हमीर समा सेना के बारे में अहम जानकारियां जुटाता था। शकूर सुमरा सेना के संवेदनशील एरिया पर नजर रखता था। वहां की सड़कों और नए भवनों के निर्माण के बारे में पता लगाता था।
फिर शकूर सुमरा इन सारी सूचनाओं को मेमोरी कार्ड में डालता था। उसके बाद हमीर समा उस कार्ड को पाकिस्तान ले जाकर आईएसआई एजेंट को दे देता था।
दोनों से केंद्र और राज्य की एजेंसियां पूछताछ करके जानकारियां निकालने में लगी हैं। उनको भुज की अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों को 12 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है।
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