क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे सकता है राफेल, पढ़िए 20 बातें

By Anujkumar Maurya
Google Oneindia News

नई दिल्ली। काफी समय से भारत को अपने जंगी बेड़े में राफेल लड़ाकू विमान शामिल होने का इंतजार है। भारत के इस सपने को साकार करते हुए शुक्रवार को एक डील फाइनल हो गई है। आइए जानते हैं शुक्रवार को राफेल लड़ाकू विमान को लेकर हुई इस डील की 20 खास बातें।

rafale

1- रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और उनके समकक्ष फ्रांस के जीन वेस लेड्रियान ने शुक्रवार को राफेल लड़ाकू विमान को लेकर एक सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सौदा दिल्ली में हुआ है।

2- इस सौदे के तहत फ्रांस भारत को 36 राफेल लड़ाकू विमान देगा।

3- 36 राफेल लड़ाकू विमान की ये डील 58,000 करोड़ रुपए में हुई है।

पत्नी को पीटता था शख्स, कोर्ट ने कहा- ज्यादा ताकत है तो कश्मीर चले जाओपत्नी को पीटता था शख्स, कोर्ट ने कहा- ज्यादा ताकत है तो कश्मीर चले जाओ

4- 18 महीने के बाद भारत में फ्रांस की तरफ से पहला राफेल लड़ाकू विमान दिया जाएगा।

5- बाकी विमान तीन साल बाद 2019 में भारत को मिलने शुरू हो जाएंगे और साढ़े पांच साल के अंदर सारे विमान भारत को सौंप दिए जाएंगे।

6- पीएम मोदी ने डेढ़ साल पहले अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान 36 राफेल विमान खरीदने की घोषणा की थी। इस दौरान दोनों देशों ने गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील के लिए समझौता भी किया था।

अमेरिका: कौन चुरा रहा है डोनाल्ड ट्रंप की न्यूड स्टैच्यू?अमेरिका: कौन चुरा रहा है डोनाल्ड ट्रंप की न्यूड स्टैच्यू?

7- राफेल लड़ाकू विमानों को फ्रांस की डसाल्ट एविएशन कंपनी बनाती है।

8- इस डील के तहत राफेल के साथ-साथ फ्रांस भारत को हवा से मार करने वाली मिसाइलें और दूसरे हथियार भी देगा।

9- राफेल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये 3 हजार 800 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है।

10- राफेल से भारत पड़ोसी देशों के कई अड्डों के निशाना बना सकता है।

PAK ने रची साजिश, भारत पर हमले के लिए सेट किए टारगेटPAK ने रची साजिश, भारत पर हमले के लिए सेट किए टारगेट

11- यह डील उस मीडियम मल्‍टी-रोल कॉम्‍बेट एयरक्राफ्ट (एमएमआरसीए) कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसे रक्षा मंत्रालय की ओर से इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) लाइट कॉम्‍बेट एयरक्राफ्ट और सुखोई के बीच मौजूद अंतर को खत्‍म करने के मकसद से शुरू किया गया था।

12- कॉम्‍पटीशन एमएमआरसीए के कॉम्‍पटीशन में अमेरिका के बोइंग एफ/ए-18ई/एफ सुपर हॉरनेट, फ्रांस का डसॉल्‍ट राफेल, ब्रिटेन का यूरोफाइटर, अमेरिका का लॉकहीड मार्टिन एफ-16 फाल्‍कन, रूस का मिखोयान मिग-35 और स्वीडन का साब जैस 39 ग्रिपेन जैसे एयरक्राफ्ट शामिल थे।

13- 27 अप्रैल 2011 को आईएएफ की ओर से तकनीकी समीक्षा के बाद कॉम्‍पटीशन दो फाइटर जेट्स के बीच था- यूरोफाइटर टायफून और डासॉल्‍ट राफेल। 31 जनवरी 2012 को राफेल ने यह कॉम्‍पटीशन जीता।

जानें आखिर क्यों नहीं की जा सकती है नोट की फोटोकॉपी? जानें आखिर क्यों नहीं की जा सकती है नोट की फोटोकॉपी?

14- छह फाइटर जेट्स के बीच राफेल को इसलिए चुना क्योंकि राफेल की कीमत बाकी जेट्स की तुलना में काफी कम थी। इसके अलावा इसका रख-रखाव भी काफी सस्‍ता था।

15- आईएएफ ने वर्ष 2001 में अतिरिक्‍त जेट्स को खरीदने की मांग की थी। वर्तमान समय में आईएएफ के पास या तो हल्‍के कॉम्‍बेट जेट्स हैं या फिर बहुत भारी। रक्षा मंत्रालय ने तब तय किया कि मध्‍यम भार वाले फाइटर जेट्स को आईएएफ के लिए लाया जाएगा।

16- रक्षा अधिग्रहण परिषद, जिसके मुखिया उस समय रक्षा मंत्री एके एंटोनी थे, उन्‍होंने 126 एयरक्राफ्ट की खरीद को अगस्‍त 2007 में मंजूरी दी थी। यहां से ही बोली लगने की प्रक्रिया शुरू हुई।

बेहाल वेनेजुएला, जहां गत्ते के बक्से में रखे जा रहे हैं नवजात बच्चे बेहाल वेनेजुएला, जहां गत्ते के बक्से में रखे जा रहे हैं नवजात बच्चे

17- शुरुआत में योजना करीब 126 राफेल फाइटरजेट खरीदने की थी। इनमें से 18 को उड़ने लायक हाल में खरीदना था और बाकी का निर्माण हिंदुस्‍तान एरोनॉटिक्‍स लिमिटेड में टेक्‍नोलॉजी ट्रांसफर के तहत किया जाना था। पहले 126 राफेल खरीदने का ख्‍वाहिशमंद भारत 36 एयरक्राफ्ट पर राजी हुआ और सारे जेट्स सभी साजो-सामान से लैस होंगे।

18- राफेल के कांट्रैक्‍ट हासिल करने के बाद भारतीय पक्ष और डासॉल्‍ट के बीच वर्ष 2012 में सौदेबाजी शुरू हुई। करीब चार वर्षों तक यह सौदेबाजी जारी रही और इस वर्ष जनवरी में यह समझौता साइन हो सका।

अजब-गजब: यहां हर बार किसी की मौत पर जन्म लेती है बालिका वधु अजब-गजब: यहां हर बार किसी की मौत पर जन्म लेती है बालिका वधु

19- भारत और फ्रांस दोनों ही देशों में कांट्रैक्‍ट के बाद सौदेबाजी के बीच ही राष्‍ट्रीय चुनाव हुए। खरीद के समझौते पर रजामंद होने के बाद भी दोनों पक्ष कीमतों को लेकर राजी नहीं हो पा रहे थे, जिसके चलते इस डील में काफी देरी हो गई।

20- भारत पहला ऐसा देश है जिसने लीबिया पर हुए हवाई हमलों के बाद राफेल की खरीद को मंजूरी दी थी। फ्रांस का मानना है कि अगर भारत राफेल जेट को अपनी सेना में शामिल करता है तो दूसरे देश भी इसे खरीदने की इच्‍छा जताएंगे।

भारत का भरोसा तोड़ रूस ने रावलपिंडी में भेजी अपनी सेना!भारत का भरोसा तोड़ रूस ने रावलपिंडी में भेजी अपनी सेना!

Comments
English summary
twenty points about rafale fighter jet
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X