भोरंज उपचुनाव: करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस और सरकार के बीच घमासान
भोरंज उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद प्रदेश कांंग्रेस अध्यक्ष और सीएम वीरभद्र सिंह के बीच राजनीतिक जंग शुरू हो चुकी है।
शिमला। भोरंज उपचुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद प्रदेश कांग्रेस व सरकार के बीच घमासान शुरू हो गया है। दोनों तरफ से हार कर ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ा जाने लगा है। हालांकि अंदरखाने मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष सुखविन्दर सिंह सुक्खू को भी बदलने की मुहिम शुरू हो गई है। भोरंज की हार के लिये मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने संगठन को जिममेवार ठहराया था।
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लेकिन उससे ठीक उलट कांग्रेस अध्यक्ष सुखविन्दर सिंह ने दिल्ली से लौट कर उल्टे सीएम को ही अपने निशाने पर ले लिया और कहा कि पार्टी की हार की जिम्मेवारी अकेले संगठन की नहीं, इसमें सरकार की जिम्मेवारी तय होनी चाहिये।
सुक्खू ने कहा कि भोरंज में हारे तो संगठन जिम्मेदार, जीत तो वीरभद्र सिंह के नाम, ऐसा नहीं चलेगा। भोरंज उपचुनाव में मिली हार के बाद तिलमिलाए सुक्खू का कहना है कि संगठन भी इनका है तो सरकार भी इनकी, इसलिए संगठन ही नहीं सरकार की कार्यप्रणाली की भी समीक्षा होनी चाहिए। सुक्खू ने अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि संगठन ने बेहतर काम किया है व सरकार व संगठन में तालमेल बनाए जाने के पूरे प्रयास किए हैं, जिनमें हम सफल भी रहे हैं, साथ ही संगठनात्मक ढांचा बनाया है।
उन्होंने कहा कि सीएम वीरभद्र सिंह कई बार बात करते हैं कि धरातल वाले लोग नहीं हैं तो मैं बता दूं कि भाजपा विधायक गुलाब सिंह के बेटे, सांसद अनुराग ठाकुर के साले व नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल के समधी के बेटे को ब्लॉक कांग्रेस जोगिंद्रनगर के अध्यक्ष ने ही जिला परिषद चुनाव में धूल चटाई थी। यही नहीं, संगठन के लोग भी प्रधान, जिला परिषद व बीडीसी सदस्य चुने गए हैं, ऐसे में धरातल वाली बात करना ठीक नहीं है।
याद रहे कि भोरंज उपचुनाव में हार के बाद सीएम वीरभद्र सिंह ने कहा था कि भोरंज में पार्टी ने धरातल पर कोई काम नहीं किया। वहां पर संगठन कमजोर रहा, हम वहां तभी जाते हैं, जब चुनाव होते हैं। इस उपचुनाव में कांग्रेस ने पूरी ताकत के साथ काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि यदि पूरी ताकत से कार्य किया होता तो परिणाम कुछ और होते। सीएम वीरभद्र सिंह ने कहा कि इसका विधानसभा चुनावों पर कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भोरंज सीट बीजेपी की परंपरागत सीट रही है और इस सीट पर पिछले लगातार छह बार से एक ही प्रत्याशी जीतते रहे हैं। भले ही यह सीट बीजेपी की परंपरागत सीट थी, लेकिन इस सीट पर परिणाम बदल सकता था। उन्होंने कहा कि बीजेपी प्रोपेगैंडा में माहिर है और दुष्प्रचार करती है। अब कांग्रेस आक्रामक रूप से बीजेपी को प्रोपेगैंडा का जवाब देगी।