मेहमान बनकर आए तुर्की के राष्ट्रपति ने दिया भारत को चिढ़ाने वाला बयान
एरडोगन के मुताबिक बहुपक्षीय बातचीत के जरिेए ही कश्मीर समस्या का समाधान निकल सकता है।उनका कहना है कि वह भी बातचीत में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
नई दिल्ली। भारत दौरे पर आए तुर्की के राष्ट्रपति ने ऐसा बयान दिया है जो भारत को बिल्कुल पसंद नहीं है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एरडोगन ने भारत और पाकिस्तान के बीच सालों से उलझे कश्मीर मुद्दे को बहुपक्षीय वार्ता से सुलझाने की वकालत की है। उन्होंने कहा है कि पिछले 70 सालों से चली आ रही कश्मीर समस्या का निदान भारत और पाकिस्तान को अब निकाल लेना चाहिए। एरडोगन के मुताबिक बहुपक्षीय बातचीत के जरिेए ही कश्मीर समस्या का समाधान निकल सकता है।उनका कहना है कि वह भी बातचीत में शामिल होने के लिए तैयार हैं। एरडोगन ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोंनो ही तुर्की के अच्छे मित्र है और वो चाहते है कि दोनों देशों के बीच बातचीत हो और कश्मीर समस्या का समाधान निकले।
भारत
और
पाकिस्तान
दोनों
अच्छे
दोस्त
वॉयन
न्यूज
चैनल
को
दिए
इंटरव्यू
तुर्की
के
राष्ट्रपति
ने
कहा
कि
वह
नहीं
चाहते
हैं
कि
कश्मीर
में
किसी
की
मौत
हिंसा
के
दौरान
हो,
भारत
और
पाकिस्तान
दोनों
ही
तुर्की
के
करीबी
दोस्त
हैं।
ऐसे
में
दोनों
के
बीच
विवाद
का
मुद्दा
बने
कश्मीर
की
समस्या
को
सुलझाने
के
लिए
वह
अहम
भूमिका
निभा
सकते
हैं।
कश्मीर
समस्या
का
समाधान
न
सिर्फ
भारत
और
पाकिस्तान
के
लिए
बेहतर
होगा
बल्कि
पूरी
दुनिया
के
लिए
अच्छा
होगा।
सत्ता
पर
दोबारा
अपनी
पकड़
मजबूत
करने
के
बाद
तुर्की
के
राष्ट्रपति
रेसेप
तैयप
एरडोगन
रविवार
को
अपनी
पहली
विदेश
यात्रा
पर
नई
दिल्ली
पहुंचे
हैं।
एनएसजी
पर
दिया
भारत
का
साथ
तुर्की
राष्ट्रपति
एरडोगन
ने
एनएसजी
(न्यूक्लियर
सप्लायर्स
ग्रुप)
में
भारत
की
सदस्यता
का
समर्थन
किया
है,
साथ
ही
पाकिस्तान
के
दावे
पर
भी
सहमति
जताई
है
और
कहा
कि
भारत
को
आपत्ति
नहीं
होनी
चाहिए।
उनका
यह
दौरा
बेहद
महत्वपूर्ण
माना
जा
रहा
है,
क्योंकि
बीते
15
जुलाई
को
सेना
ने
उनके
खिलाफ
विद्रोह
कर
दिया
था।
उन्हें
देश
से
बाहर
भागना
पड़ा,
लेकिन
बाद
में
वे
फिर
सत्ता
के
शीर्ष
पायदान
पर
पहुंचे
है।
भारत बहुत पहले से ही कहता रहा है कि कश्मीर और पाकिस्तान को लेकर किसी तरह की बात तुर्की से नहीं होगी। कश्मीर के मुद्दे पर भारत बहुपक्षीय बातचीत के पक्ष में नहीं है।