अब होगा टीबी का सफाया, कभी शिकार हुए थे बिग बी
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। अमिताभ बच्चन ने कुछ समय पहले खुलासा किया था कि वे भी टीबी के शिकार हुए लेकिन इसकी वजह से उनके काम पर कोई असर नहीं पड़ा। वह दवा लेते रहे और साथ में काम भी करते रहे।
अब मोदी सरकार देश को टीबी से आजाद कराएगी। टीबी के संदिग्ध मरीजों के इलाज और परामर्श के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द ही एक टोल फ्री नंबर जारी करेगा। अगले पांच साल में देश को टीबी मुक्त करने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत की है।
टीबी के खिलाफ जंग अब एक राष्ट्रीय अभियान बन चुका है। पोलियो के बाद अब टीबी के सफाये के लिए सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मदद से भारत में पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम 1997 से प्रारंभ किया गया है जिसमें रोगी को डॉटस पद्धति से दवाइयां दी जाती हैं।
अब इस कार्यक्रम में नयी शुरुआत की जा रही है टीबी की डॉटस पद्धति के तहत अब दवाइयां रोज दी जाएगी। जबकि अब से पहले ये एक दिन के अंतराल पर दी जाती थी। ये दवाइयां देशभर में सभी सरकारी अस्पतालों में फ्री मिलती हैं ।
सरकार साल में 700 करोड़ से ज्यादा रकम टीबी के लिए खर्च कर रही है। टीबी एक छिपी हुई बीमारी है जिसमें धीरे-धीरे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती रहती है और एक सीमा के बाद संक्रमण बढ़ कर रोग के रूप में सामने आ जाता है।
कारणों की बात करें तो इस बीमारी का मुख्य कारण संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना है। इसके अलावा जीवन शैली, मधुमेह, तंबाकू का सेवन, और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता भी टीबी का सबब बन सकती है। बता दें कि पहले इस बीमारी का एक बड़ा कारण गरीबी माना जाता था लेकिन अब ऐसा नही है।