DMK ने कोर्ट में कहा पलानीस्वामी का जीता हुआ विश्वास मत असंवैधानिक
234 सदस्यीय तमिलनाडु विधानसभा में अन्नाद्रमुक के 134 विधायक हैं, जिनमें से 122 के समर्थन का दावा पलानीस्वामी ने किया था।
नई दिल्ली। तमिलनाडु में जारी सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री इडापड्डी के पलानीस्वामी ने शनिवार को घंटो चले ड्रामे के बाद राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। विपक्षी दल डीएमके ने अब इस विश्वास मत को चुनौती दी है और कहा है कि इस विश्वास मत को तबतक के लिए मना कर दिया जाए जबतक मद्रास हाईकोर्ट का फैसला नहीं आ जाता। वहीं डीएमके नेता स्टालिन ने वोटिंग को असंवैधानिक करार दिया है। स्टालिन ने गवर्नर सी विद्यासागर राव को पत्र लिखकर कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने एजेंडे के तहत डीएमके की अनुपस्थिति में मुख्यमंत्री के विश्वास मत जीतने का ऐलान कर दिया, जो असंवैधानिक है।
आपको बता दें कि शनिवार को विश्वास मत के दौरान तमिलनाडु विधानसभा में काफी हंगामा हुआ था। 234 सदस्यीय तमिलनाडु विधानसभा में अन्नाद्रमुक के 134 विधायक हैं, जिनमें से 122 के समर्थन का दावा पलानीस्वामी ने किया था। डीएमके नेता स्टालिन ने गवर्नर सी विद्यासागर राव को पत्र लिखकर लोकतांत्रिक मूल्यों को फिर से स्थापित कराने की गुजारिश की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि विधानसभा अध्यक्ष ने अजेंडे के तहत डीएमके की अनुपस्थिति में मुख्यमंत्री के विश्वास मत जीतने का ऐलान कर दिया, जो असंवैधानिक है।
वोटिंग से पहले सदन में खूब हंगामा हुआ और विधायकों ने कुर्सियां भी तोड़ी। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री पलनीस्वामी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव वीके शशिकला खेमे के हैं। गुप्त मतदान की मांग को लेकर हंगामा करने को लेकर विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के 88 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष पी.धनपाल ने सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया, जिसके बाद मतदान कराया गया। कांग्रेस ने भी इसके विरोध में सदन से बहिर्गमन किया।