एक नजर उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के सियासी सफर पर
56 वर्षीय त्रिवेंद्र सिंह रावत डोइवाला सीट से विधायक हैं और इस वक्त वह पार्टी की झारखंड यूनिट के प्रभारी हैं।
देहरादून। उत्तराखंड में प्रचंड जीत के साथ सत्ता में आई बीजेपी की सरकार की कमान आरएसएस के प्रचारक रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपी गई है। शुक्रवार को देहरादून में बीजेपी के विधायक दल की बैठक में रावत के नाम को मंजूरी दी गई।
उत्तराखंड: भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए त्रिवेंद्र सिंह रावत, कल लेंगे सीएम पद की शपथ
जन्म 20 दिस्म्बर, 1960
- त्रिवेंद्र सिंह रावत का जन्म 20 दिस्म्बर, 1960 को उत्तराखंड के गांव खैरासैण में हुआ था।
- उनके पिता की नाम श्रीप्रताप सिंह रावत और माता का नाम श्रीमतीबोद्धा देवी था।
- उनकी पत्नी श्रीमती सुनीता रावत सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं।
- उनकी दो बेटियां हैं।
अमित शाह का करीबी
कहा जा रहा है कि रावत बीजेपी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के करीबी हैं इसलिए उन्हें सीएम की पोस्ट मिली।
डोइवाला सीट से विधायक
56 वर्षीय त्रिवेंद्र सिंह रावत डोइवाला सीट से विधायक हैं और इस वक्त वह पार्टी की झारखंड यूनिट के प्रभारी हैं। यही नहीं उनकी जड़े आरएसएस से जुड़ी हैं।
1983 से 2002 तक आरएसएस के प्रचारक
वह 1983 से 2002 तक आरएसएस के प्रचारक रहे हैं और उस दौरान वह उत्तराखंड अंचल और बाद में राज्य के संगठन सचिव भी रहे हैं। वह पहली बार 2002 में डोइवाला सीट से एमएलए बने, तब से वहां से तीन बार चुने जा चुके हैं और 2007-12 के दौरान राज्य के कृषि मंत्री भी रहे हैं।
70 में से 57 सीटें
गौरतलब है कि बीजेपी ने चुनावों में 70 में से 57 सीटें जीती हैं। रावत का शपथ ग्रहण 18 मार्च को शाम तीन बजे परेड ग्राउंड में होगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद रहेंगे