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तलाक, तलाक, तलाक पर मुस्लिम बोर्ड ने कहा- इससे कत्ल नहीं होते

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नई दिल्ली। तीन बार तलाक, तलाक, तलाक और रिश्ता खत्म.. पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि अगर इसे खत्म कर दिया जाएगा तो पति अपनी पत्नी से छुटकारा पाने के लिए या तो उसका कत्ल कर देगा या फिर उसे जलाकर मार देगा।

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लॉ बोर्ड ने कहा कि अगर मियां-बीवी में बन नहीं रही और वो दोनों अलग होना चाहते हैं लेकिन कानूनी प्रक्रिया में लंबा वक्त लग रहा है, ऐसे में पति गैरकानूनी तरीके को अपना सकता है। उसमें कत्ल करना, जिंदा जला देना जैसे आपराधिक तरीके भी शामिल हो सकते हैं। इसलिए तलाक को तीन बार कह देने से रिश्ता खत्म भी हो जाता है और इंसान अनैतिक कदम उठाने से बच जाता है क्योंकि नफरत, जिद और गुस्सा इंसान को हैवान बना देते हैं।

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लॉ बोर्ड ने कहा कि मर्द महिलाओं से बेहतर निर्णय लेने की स्थिति में होते हैं इसलिए पति को तीन बार तलाक कहने की इस्‍लाम में अनुमति है। वैसे ऐसा महिलाओं के लिए भी सही है क्योंकि इस तलाक के कारण उन्हें भी जीवन में आगे बढ़ने का मौका जल्द मिलता है, वो भी दूसरी शादी के लिए स्वतंत्र हैं।

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मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट में पिछले साल मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का आधार बनाकर तीन बार तलाक कहने के मुद्दे पर सुनवाई शुरू की थी क्योंकि कई मुस्लिम महिलाओं ने कहा था उनके मर्द तलाक के बहाने उन्हें शारीरिक और मनासिक रूप से प्रताड़ित करते हैं, जिसके एवज में मुस्लिम बोर्ड ने शुक्रवार को ये बातें सर्वोच्च अदालत में कही हैं।

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गौरतलब है कि इस मामले में चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्‍यक्षता वाली बैंच ने सुनवाई की है, इस मामले में कई महिलाओं ने याचिका दायर की है। इनमें से एक हैं इशरत जहां, जिनको कि उनके पति ने फोन पर तलाक दिया है।

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English summary
The Muslim Personal Law Board told the Supreme Court it cannot interfere with religious freedom of the people during a hearing on the controversial triple talaq issue.
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