त्राल में पत्थरबाजी के बीच भी सेना ने कैसे मारा दो आतंकियों को
कई चेतावनियों के बावजूद त्राल के एनकाउंटर में सेना और सुरक्षाबल पर होती रही पत्थरबाजी। एनकाउंटर के आखिरी समय में हो रहे थे विरोध प्रदशर्न ओर लग रहे थे नारे।
श्रीनगर। सेना की ओर से दी गई कई चेतावनियों का असर कश्मीर में लोगों पर हुआ है, ऐसा नजर नहीं आ रहा है। शनिवार के जब साउथ कश्मीर के त्राल में एनकाउंटर शुरू हुआ तो पत्थरबाजी की एक झलक फिर से देखने को मिली। यहां पर एनकाउंटर के दौरान सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी भी हुई और लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किए। इसके बाद भी सेना और सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मारने में कामयाबी हासिल की।
कौन सी तरकीब से मिली सफलता
शनिवार को जो एनकाउंटर शुरू हुआ वह करीब 15 घंटे तक चला। साउथ कश्मीर का त्राल पिछले तीन-चार वर्षों में विरोध प्रदर्शनों का अड्डा बन गया है। अधिकारियों कर मानें तो त्राल में अब पत्थरबाजी करने वाली भीड़ बढ़ती ही जा रही है और इसके बीच ही आतंकी सेना और सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर देते हैं। इन सबकी वजह से सेना के लिए भीड़ को नुकसान पहुंचाए बिना खुद को बचाना काफी मुश्किल होता जा रहा है। शनिवार दोपहर भी यही नजारा था। बड़ी संख्या में भीड़ त्राल के शिकारगढ़ पहाड़ियों में इकट्ठा हो गई थी। उस समय सेना उस घर की घेराबंदी करने की कोशिश कर रही थी जहां पर आतंकी छिपे हुए थे। शाम करीब चार बजे से भीड़ ने इकट्ठा होना शुरू कर दिया था। इस भीड़ को पुलिस और सुरक्षाबलों की प्रभावी तैनाती ने रोक दिया था। पुलिस और सुरक्षाबलों ने हवाई फायरिंग की जिसकी वजह से लोगों को पीछे हटना पड़ा। वहीं कर्फ्यू का ऐलान कर दिया गया और सीआरपीएफ ने सड़कों को ब्लॉक कर दिया। वहीं सेना ने आतंकवादियों को उलझाए रखा। अगर भीड़ इकट्ठा होने में सफल हो जाती तो फिर सेना के लिए यह बड़ी समस्या बन सकती थी। आतंकियों की ओर से करीब 12 घंटे तक लगातार फायरिंग हुई थी।
आतंकी के परिवार ने भीड़ को किया अलर्ट
त्राल एनकाउंटर से पहले हुए एनकाउंटर्स में सेना को कई झटके झेलने पड़े थे। सेना ने जहां अलग-अलग एनकाउंटर्स में अपने आठ जवानों को खो दिया तो वहीं कई आतंकी भाग निकलने में कामयाब हो गए। कई मौकों पर तो सेना को एनकाउंटर से भी पीछे हटने को मजबूर होना पड़ा है। शनिवार को एनकाउंटर में हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी आकिब मौलवी मारा गया है और उसके साथ एक पाक आतंकी को भी मार गिराया गया है। शनिवार को जब एनकाउंटर शुरू हुआ तो मौलवी की मां ने स्थानीय लोगों का कॉल करके उन्हें अलर्ट कर दिया था। मौलवी ने अपनी मां को बताया था कि वह हाफू इलाके के एक घर में है जिसे सुरक्षाबलों ने घेर लिया है। कहा जा रहा है मौलवी ने अपनी मां से कहा था कि वह सरेंडर नहीं करेगा और लड़ेगा। सूत्रों के मुताबिक उसके परिवार वालों ने स्थानीय लोगों को सूचना दी और एनकाउंटर साइट पर भीड़ इकट्ठा होने लगी। पढ़ें-कॉन्स्टेबल मंजूर अहमद नायक की वजह से हुआ त्राल में आतंकियों का सफाया