चमक उठेंगे देश के 25 पर्यटन स्थल, जानिए कहां-कहां?
पर्यटन मंत्रालय ने जनवरी 2015 में प्रारंभ होने के बाद से अभी तक स्वदेश दर्शन योजना के तहत स्वीकृत 21 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 2048 करोड़ रुपये के बराबर की 25 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र, केरल, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ , बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर एवं त्रिपुरा शामिल हैं।
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इस योजना के उद्देश्य हैं:
- पर्यटन को आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन के एक बड़े वाहक के रूप में स्थापित करना
- भारत को एक वैश्विक ब्रांड तथा एक विश्व स्तरीय पर्यटन गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना
- विविध विषयगत सर्किटों एवं तीर्थ स्थलों में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का विकास करना
- अनोखे उत्पादों के व्यापक दायरे की पूर्ण क्षमता को प्रदर्शित करना
- पर्यटन आकर्षणों को बढ़ाने के द्वारा समग्र पर्यटन अनुभव उपलब्ध कराना
- जवाबदेह पर्यटन पहल- एक निर्वहनीय एवं समावेशी तरीके से स्थानीय समुदायों, गरीबोन्मुखी दृष्टिकोण की सक्रिय भागीदारी
परियोजना की सूची इस प्रकार है-
आंध्र प्रदेश
काकीनाडा-होप द्वीप-कोनसीमा का आंध्र प्रदेश में एक विश्व स्तरीय तटीय एवं इको पर्यटन सर्किट के रूप में विकास।
अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश में भालुकपोंग-बोमडीला-तबांग का विकास।
बिहार
बिहार के बोध गया में सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण किया जायेगा।
मणिपुर
मणिपुर में पर्यटन सर्किट का विकास: इम्फाल-मोरैंग-खोंगजोंम -मोरह के अंतर्गत पर्यटन स्थल।
सिक्किम
सिक्किम में रैंगपो(एंट्री)-रोड़ाथांग-अरितर-फाडामचेन-नाथांग-शेराथांग-सोंगमो-गैंगटॉक-फोडोंग-मांगान-लछुअंग-यंमथांग- लाछेन-थांगू- गुरुडोंगमर -मांगान-गैंगटॉक-तुमीन लिंगी-सिंगटम (एग्जिट) जोड़ते हुए पर्यटन सर्किट का विकास।
उत्तराखंड
इको पर्यटन का समेकित विकास, रोमांचक खेल, टिहरी झील एवं आसपास के क्षेत्रों का नया गंतव्य- जिला टिहरी, उत्तराखंड के रूप में विकास के लिए संबद्ध पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचा।
आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश में श्री पोट्टी श्रीरामालू नेल्लोर में तटीय पर्यटन सर्किट का विकास किया जायेगा।
अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश में रोमांचक पर्यटन का समेकित विकास किया जायेगा।
केरल
केरल में इडुकी एवं पथानामथीटा जिलों में इको पर्यटन सर्किट के रूप में पथानामथीटा- गावी-वैगामोन-थेकाड्डी का विकास किया जायेगा।
राजस्थान
स्वदेश दर्शन योजना में रेगिस्तान सर्किट के तहत सांभर झील शहर एवं अन्य जिलों का विकास।
नागालैंड
नगालैंड में पेरेन-कोहिमा-वोखा जनजातीय सर्किट का विकास किया जायेगा।
तेलंगाना
तेलंगाना के महबूत नगर जिले में इको पर्यटन सर्किट का समेकित विकास।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में पन्ना- मुकुंदपुर-संजय-डुबरी-बांधवगढ़-कान्हा- मुक्की-पेंच में वन जीवन सर्किट का विकास।
असम
असम के वन जीवन सर्किट का विकास किया जायेगा।
त्रिपुरा
अगरतला-सिपाहीजाला-मेलाघर-उदयपुर-अमरपुर-तीर्थमुख-मंदिर घाट- डम्बूर-नरीकेलकुंजा-गांडाछारा-अम्बासा के पूर्वोत्तर सर्किट का विकास।
मिजोरम
स्वदेश दर्शन के तहत नये इको पर्यटन का समेकित विकास-मिजोरम के सरछीप एवं रैयक जिले के थैंनजॉल एवं साउथजोटे में पूर्वोत्तर सर्किट का विकास।
पश्चिम बंगाल
उदयपुर-दीघा-शंकरपुर-ताजपुर-मंदारमणी-फेजरगंज-बकलैयी-हेनरी द्वीप के बीच सर्किट का विकास।
पुडुचेरी
स्वेदश दर्शन योजना के तहत पर्यटन सर्किट के रूप में पुडुचेरी के केंद्र शासित प्रदेश का विकास।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में जाशपुर-कुनकुड़ी-मैनपात-अम्बीकापुर-महेशपुर-रतनपुर-कुरदार-सरौदा दादर-गंगरैल-कोंडागांव-नैथीआनावैगांव-जगदलपुर-चित्रकूट- तीर्थगढ़ में जनजातीय पर्यटन सर्किट का विकास।
महाराष्ट्र
सिंधुदुर्ग तटीय सर्किट का विकास पर्यटकों के लिये विशेष रूप से किया जायेगा।
गोवा
स्वदेश दर्शन योजना के तहत तटीय सर्किट का विकास (सिनक्योरिंग-बागा-अंजुना-वैगाटर-मोरजीम-केरी-अगुडा फोर्ट एवं अगुडा जेल)।
जम्मू-कश्मीर
स्वदेश दर्शन योजना के हिमालय सर्किट के तहत जम्मू एवं कश्मीर राज्य में पर्यटन बुनयादी ढांचा परियोजनाओं का समेकित विकास।
तेलंगाना
स्वदेश दर्शन योजना के तहत तेलंगाना में जनजातीय सर्किट के रूप में मुलुगू -लक्नावरम-तडावी-डामारावी-मुलुर -बोगाथा जलप्रपातों का समेकित विकास
मेघालय
स्वदेश दर्शन योजना के पूर्वात्तर सर्किट के तहत उमियाम झील-उलुम स्वहपेटनेंग- मावडियांगडियांग का विकास।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के बौद्ध स्थल (मंदसौर- धार-सांची-सतना-रीवा)।
नागालैंड
नगालैंड में पेरेन-कोहिमा-वोखा जनजातीय सर्किट का विकास किया जायेगा।