निर्वस्त्र होकर चलाती हैं हल, जानिए बारिश के लिए 10 अजीबोगरीब टोटके
नयी दिल्ली। भारत कृषि प्रधान देश है। यहां बारिश का अहम महत्व है। लोगों की जीविका, देश की कृषि व्यवस्था कृषि पर आश्रित है। ऐसे में बारत में बारिश का खास स्थान है। उसकी पूरी अर्थव्यवस्था बारिश से जुड़ी हुई है। मानसून की स्थिति यहां अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती है। लोग मानसून के हिसाब से अपनी खेती करते है। चुंकी यहां किसानों को सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर होना पड़ता है इसलिए भारत में बारिश के लिए तरह-तरह मान्यताएं और अधंविश्वास भी है। भारत में लोग खासकर किसान अच्छी बारिश के लिए तरह-तरह के अंधविश्वास की धारणाओं और परंपराओं को मानते है।
लोगों की मान्यता है कि भागवान इंद्र के प्रसन्न होने से अच्छी बारिश होगी। वहीं जब बारिश नहीं होती या फिर सूखा पड़ जाता है तो लोग मानते है कि भागवान नाराज हो गए। भारपत के अलग-अलग हिस्सों में बारिश को लेकर अलग-अलग तरह के अधंविश्वासों को लोग मानते है। नीचे के स्लाइट में देखिए ऐसे 10 अंधविश्वास जो भारत के लोग अच्छी बारिश के लिए करते है।
महिलाएं नग्न होकर चलाएं हल तो होगी बारिश
भारत के कुछ हिस्सों में बारिश के लिए अजीबों-गरीब टोटके अपनाए जाते है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई गांवों में मान्यता है कि अगर महिलाएं रात के समय नग्न होकर खेतों में हल चलाएं तो मानसून आता है। इस पूरे टोटके में महिलाएं समूह बनाकर खेत को घेर लेती हैं जिससे कोई अन्य यह सब देख नहीं पाए। इस दौरान यहां पर पुरूषों का आना-जाना बंद रहता है।
बेड़ नाम से होगी बारिश
मानसून को बुलाने के लिए "बेड़" नाम का एक टोटका भी आजमाया जाता है। विदिशा के एक पठारी कस्बे की मान्यता के मुताबिक ग्रामीण महिलाएं गाजे-बाजे के साथ किसी खेत पर अचानक हमला कर देती हैं। इसके बाद खेत पर काम कर रहे किसी भी किसान को बंधक बना लेती हैं। इसके बाद किसान को गांव में ले जाया जाता है। यहां इस बंधक किसान को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। किसान की विदाई पैसे देकर की जाती है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से इंद्र देव प्रसन्न होते है।
बारात निकालने से होगी बारिश
मध्यप्रदेश के ही इंदौर में अच्छी बारिश के लिए अजीबोगरीब बारात निकाली जाती है। किसानों और व्यापारियों मिलकर ये बारात निकालते है। इस बारात में दूल्हे को घोड़े की बजाय गधे पर बिठाया जाता है। इस बारात में शामिल लोग मस्त होकर डांस भी करते चलते हैं। माना जाता है कि इस टोटके से इन्द्रदेव प्रसन्न होते हैं और बारिश की अच्छी संभावना होती है।
कैसे प्रसन्न होंगे इंद्रदेव
भोपाल के मालवा अंचल में अच्छी बारिश के लिए जीवित व्यक्ति की शवयात्रा निकाली जाती है। बताया जाता है कि अहिल्याबाई होल्कर के समय से जीवित व्यक्तियों की शवयात्रा निकाली जाती है।
बारिश के लिए क्या-क्या ना किया
उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा और उत्तरपूर्वी राज्यों में अच्छी बारिश के लिए मेंढ़क-मेंढ़की की शादी करवाई जाती है। यह शादी बाकायदा पूरे हिंदू रीति-रिवाजों से की जाती है। गांव के लोग मेंढ़क और मेंढ़की के घरवालों के रूप में बंट जाते हैं। उड़ीसा में तो मेंढ़कों का नाच तक करवाया जाता है।
इंद्र देव होंगे प्रसन्न
बुंदेलखंड में अच्छी बारिश के लिए महिलाएं जंगल में जाकर गाकड (बाटी) बनाती हैं। उसे खुद और पूरे परिवार के साथ मिल बांटकर खाती है। पूजा पाठ भी करवाया जाता है। माना जाता है कि इस से इंद्र देव खुश होंगे और अच्छी बारिश होगी।
भगवान शिव कराएंगे पूजा
मध्यप्रदेश के कई गांवों में मान्यता है कि शिवलिंग को पूरी तरह से पानी में डूबोकर रखे जाने से अच्छी बारिश होगी और इससे मानसून झूम कर आएगा।
बारिश के लिए टोटका
मध्यप्रदेश के ही खंडवा जिले के बीड़ में लोग मंदिर परिसर में टोटका करते हैं। गांव के लोग मंदिर के कैंपस में खाली मटके जमीन में गाड़ देते हैं और अच्छे मानसून की कामना करते हैं।
बारिश के लिए मान्यता
उज्जैन की बड़नगर तहसील में पंचदशनाम जूना अखाड़ा के श्री शांतिपुरी महाराज ने साल 2002 में बारिश के लिए जमीन के अंदर 75 घंटे की समाधि ली। लेकिन समाधि पूरा होने के बाद उन्हें बाहर निकाला गया, तो वे मृत पाए गए।
बारिश के लिए टोटका
मध्यप्रदेश के सागर जिले के राहतगढ़ विकासखंड के शिकारपुर गांव में 2002 सूखे के दौरान जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को ग्रामीणों ने कड़ी धूप में सूखे पेड़ से बांध दिया था। ग्रामीणों की मान्यता थी कि इससे सूखा खत्म होगा।