...तो इसलिए चुनाव आयोग करना चाहता है नई मशीन का इस्तेमाल
नई दिल्ली। पीएम मोदी के हालिया चुनावी सुधार बयान पर एक नई पहल सामने आई है। चुनाव आयोग मतगणना के दौरान मतों की गोपनीयता को बढ़ाने के मकसद से नई मशीन का इस्तेमाल करना चाहता है।
किस तरह होगी तैयारी-
विधि मंत्रालय के समक्ष एक प्रस्ताव रखा गया है कि मतों का एक साथ योग करने वाली मशीन का इस्तेमाल होना चाहिए। इसे 'टोटलाइजर' नाम दिया गया है। आयोग का मानना है कि इस तरह की मशीन के इस्तेमाल से मतदान की गोपनीयता का स्तर बढ़ेगा और मतदान के समय पूरे मतों को एक साथ मिलाना भी संभव होगा।
पढ़ें- तो यह थी पीएम की योजना
योजना है कि विधि मंत्रालय चुनाव निकाय के लिए प्रशासनिक मंत्रालय है। आयोग के नयी मशीन के इस्तेमाल के प्रस्ताव पर कोई विचारणीय रूख पेश नहीं किया गया है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद पिछले सप्ताह राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कह चुके हैं कि 'मतों की गोपनीयता भारतीय लोकतंत्र का मूल तत्व है। इसका निश्चित रूप से निर्धारण होने के बाद ही मतदान अथवा मतगणना में किसी तरह की तकनीकी आधुनिकता लाई जाएगी'।
यह
है
असल
तस्वीर-
आयोग
ने
कंट्रोल
यूनिट
और
बैलट
यूनिट
की
खरीद
के
लिए
भी
प्रस्ताव
भेजा
है।
आयोग
का
प्रस्ताव
है
कि
वित्त
वर्ष
2014-15
और
2018-19
के
बीच
9
लाख
30
हजार
430
कंट्रोल
यूनिट
और
13
लाख
95
हजार
647
बैलट
यूनिट
खरीदी
जाएं।
EVM प्रणाली में अधिकतम चार बैलट यूनिट और एक कंट्रोल यूनिट होती है। दोनों एक केबल के जरिए आपस में जुड़ी होती हैं। गौरतलब है कि इस तरह के सुधारों पर पीएम ने भी योजना लाने की बात कही थी जिसे अब मूर्त रूप देने की कोशिशें शुरु हो गईं हैं।