दार्जिलिंग हिंसा में 1 की मौत, 36 जवान घायल, रविवार बेहद संवेदनशील
गोरखालैंड की मांग को लेकर दार्जिलिंग बड़ी हिंसा के कगार पर पहुंच गया है। शनिवार को हिंसक झड़प में 36 जवान घायल हो गए। अब रविवार को फिर हिंसा भड़क सकती है।
दार्जिलिंग। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में गोरखालैंड की मांग को लेकर पिछले 10 दिनों से चल रहा बवाल शनिवार को काफी हिंसक हो गया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़प में 36 जवानों के घायल होने की खबर है। इनमें से पांच को गोलियां लगी हैं जबकि दो पर धारदार हथियारों के वार लगे हैं। इस हिंसा में एक नागरिक के मारे जाने की सूचना है।इस हिंसक प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने रविवार को व्यापक प्रदर्शन करने का आह्वान किया है इसलिए रविवार का दिन काफी संवेदनशील हो गया है।
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जीजेएम ने किया तीन की मौत का दावा
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने दावा किया है कि पुलिस फायरिंग में उसके तीन समर्थक मारे गए हैं। फिलहाल इन तीन मौतों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। पुलिस के साथ संघर्ष में दार्जिलिंग के सिंगामारी में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई जबकि इसमें 36 जवान घायल हो गए। एडीजी ऑपरेशन ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि 20 जवान गंभीर रूप से घायल हैं जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। 8 जून से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बाद पहली बार इतनी बड़ी हिंसा दार्जिलिंग में हुई है।
रविवार को व्यापक प्रदर्शन का किया आह्वान
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के चीफ बिमल गुरुंग ने अज्ञात स्थान ने समर्थकों से रविवार को चौक बाजार में सुबह दस बजे जमा होने का आह्वान किया है। उन्होंने दावा किया कि तीन समर्थक पुलिस फायरिंग में मारे गए हैं। बिमल गुरुंग ने समर्थकों से कहा है कि मौतों पर विरोध जताने के लिए वे काला बैज लगाकर आएं। हलांकि प्रशासन ने चार या इससे ज्यादा लोगों के एक जगह इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा रखा है इसलिए रविवार को फिर से पुलिस से प्रदर्शनकारियों की झड़प हो सकती है।
गृहमंत्री ने लिया मुख्यमंत्री से हालत का जायजा
दार्जिलिंग में कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बात हुई है। ममता बनर्जी ने राजनाथ सिंह को दार्जिलिंग में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताया है। गृहमंत्री ने उनको कानून व्यवस्था कायम करने के लिए कहा है।
ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग की घटना को बड़ा षडयंत्र कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इतने सारे बम और हथियार एक दिन में जमा नहीं किए जा सकते। ममता ने यह भी कहा है कि वह अपनी जान दे देंगी लेकिन बंगाल को विभाजित नहीं होने देंगी।
पुलिस बल पर फेंके गए पेट्रोल बम, पत्थर
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा में पश्चिम बंगाल सरकार से किसी भी तरह की बातचीत करने से इनकार कर दिया है और कहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार से वह वार्ता करने को तैयार है। पुलिस का कहना है कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के समर्थकों ने सुरक्षा बल पर पेट्रोल बम, पत्थर और बोतल फेंके। इसके बाद भीड़ को तितर-बितर हालात को काबू में करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।
क्यों हो रहा है दार्जिलिंग में बवाल?
अभी दार्जिंलिंग में टूरिस्ट सीजन चल रहा है और हालात इतने खराब हो गए हैं कि पड़ोस के कलिमपोंग जिले में भी दो कारों में आगजनी की घटनाएं हुई हैं। हालात को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बल के जवान दार्जिलिंग और कुर्सियांग फ्लैग मार्च कर रहे हैं। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा नेपाली बोलनेवाले गोरखाओं के लिए अलग राज्य गोरखालैंड की मांग करता रहा है। जब ममता बनर्जी की सरकार ने पिछले सप्ताह स्कूलों में दसवीं तक बंगाली भाषा को अनिवार्य करने की घोषणा की जिसके बाद गोरखा उबल पड़े और हिंसा भड़क गई।
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