ये 8 कारण हो सकते हैं साइरस मिस्त्री को हटाए जाने की वजह
पिछले चार सालों में सायरस मिस्त्री का प्रदर्शन दिखाता है कि उन्हें हटाने के पीछे कंपनी को उसके लक्ष्यों तक न पहुंचा पाना ही सबसे बड़ा कारण रहा होगा।
नई दिल्ली। सोमवार को दोपहर में हुए एक बोर्ड मीटिंग के बाद टाटा समूह के चेयरमैन साइरस मिस्त्री को पद से हटा दिया गया है। फिलहाल रतन टाटा को अंतरिम चैयरमैन नियुक्त किया गया है और नया चेयरमैन चुने जाने के लिए चार महीने का वक्त दिया गया है।
साइरस मिस्त्री को पद से क्यों हटाया गया है, अभी इसकी वजह साफ नहीं की गई है। लेकिन पिछले चार सालों में साइरस मिस्त्री का प्रदर्शन दिखाता है कि उन्हें हटाने के पीछे कंपनी को उसके लक्ष्यों तक न पहुंचा पाना ही सबसे बड़ा कारण रहा होगा।
टाटा समूह ने चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री को हटाया, रतन टाटा बनाए गए अंतरिम चेयरमैन
आइए जानते हैं साइरस मिस्त्री के चेयरमैन रहने के दौरान पिछले चार सालों में टाटा ग्रुप की कंपनियों की कैसी रही स्थिति।
1- सुई से लेकर जहाज तक सब कुछ बनाने वाली टाटा कंपनी के करीब 100 बिजनेस हैं, लेकिन सिर्फ दो बिजनेस ही अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें एक है टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस और दूसरी है कार निर्माता कंपनी जगुआर लैंड रोवर।
2- कभी स्टार मानी जाने वाली टाटा स्टील की हालत भी काफी खराब है। 2012 से ही कंपनी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है।
3- टाटा का टेलिकॉम बिजनेस भी घाटे में चल रहा है।
4- टाइटन, टाटा ग्लोबल बेवरेजेज, इंडियन होटल, ट्रेन्ट और रैलीज इंडिया का प्रदर्शन थोड़ा अच्छा है, लेकिन पिछले 5 सालों में इनका कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट महज 4 फीसदी है।
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5- वित्त वर्ष 2016 में 27 लिस्टेड कंपनियों ने घाटा दर्ज कराया था। इसके अलावा 7 अन्य कंपनियां भी घाटे में थीं।
6- 2015-16 में टाटा समूह का टर्नओवर गिरकर 103 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले साल में 108 अरब डॉलर था।
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7- वहीं दूसरी ओर, कंपनी का कर्ज 23.4 अरब डॉलर से बढ़कर मार्च 2016 में 24.5 अरब डॉलर हो गया।
8- अगस्त 2016 में टाटा मोटर्स के शेयर होल्डर्स ने शिकायत की थी कि एक शेयर पर 20 पैसे का डिविडेंड बहुत ही कम है। डिविडेंड बहुत ही कम मिलने से शेयरहोल्डर्स में नाराजगी थी।