दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा, मिस ना हो जाये ये मिसकॉल
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने हाल की में दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दर्जा प्राप्त किया है। पार्टी का दावा है कि पिछले पांच महीनों में चले मेगा सदस्तयता अभियान में पार्टी कुल सदस्यों की संख्या 8.80 करोड़ पहुंच गयी है। इससे पहले कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चायना को 8.60 करोड़ सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी होने का दर्जा प्राप्त था।
10
करोड़
का
आंकड़ा
पाने
का
भरोसा
भाजपा के सदस्यता अभियान से जुड़ने के लिए फोन से मिस कॉल करने का अहम रास्ता अख्तियार किया गया था। मिस कॉल के ही दम पर पार्टी सदस्यों के आंकड़े को 10 करोड़ पहुंचाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। लेकिन ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सिर्फ मिस कॉल के जरिए पार्टी से जुड़ने वाले लोग वास्तव में पार्टी के सदस्य कहलाये जा सकते हैं।
तो क्या लाइक्स और फॉलोवर से होगा क्षमता का आंकलन
आज सोशल नेटवर्किंग के दौर में लोगों तक पहुंचने के लिए बहुत ही आसान रास्ता बन चुका है। बहुत ही आसानी से सेलेब्रिटीज और खिलाड़ियों को लाखों पेज लाइक्स मिल जाते हैं। लेकिन ऐसे में सेलेब्रिटी और खिलाड़ियों की लोकप्रियता और उनके वास्तविक क्षमता और समाज के प्रति योगदान को कैसे आंका जा सकता है।
यू-ट्यूब जैसी साइटों पर एक आकर्षक वीडियों को लाखों तो कई बार करोड़ो लाइक मिल जाते हैं, तो ऐसे में क्या यूट्यूब के उस वीडियों के गाने या कलाकार को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया जा सकता है।
क्या वास्तव में नये सदस्यों को भाजपा की जानकारी है
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का दावा है कि पार्टी से जुड़े सदस्य अहम हैं और उनकी पार्टी को मजबूती प्रदान करेंगे। लेकिन ऐसे में इसका क्या मापदंड है कि जिन लोगों ने मिस कॉल के जरिए पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है क्या उनको पार्टी की विचारधारा लोकतंत्र के बारे में कोई जानकारी है या नहीं।
यूपी बिहार में होगी असली परीक्षा
भाजपा का सदस्यता अभियान 31 मार्च को खत्म हो रहा है ऐसे में पार्टी का दावा है कि महाराष्ट्र, यूपी सहित कई राज्यों में पार्टी के सदस्यों में जबरदस्त इजाफा होगा। यूपी में भाजपा के 1.5 करोड़ सदस्य है। यही नहीं पार्टी को उम्मीद है कि गुजरात और मध्य प्रदेश में पार्टी के मौजूदा सदस्य 80 लाख के पार पहुंच चुके हैं।
बहरहाल भाजपा के मिसकॉल सदस्यता अभियान को वास्तविकता के धरातल पर आंकने की जरूरत है। अब यह देखने वाली बात होगी कि आगामी राज्यों के चुनावों में पार्टी किस तरह से प्रदर्शन करती है। पार्टी का प्रदर्शन उसकी सदस्यता अभियान की असल परीक्षा होगी।