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क्यों बढ़ रही है IIM और IIT छोड़ने वाले छात्रों की संख्या?

By Anujkumar Maurya
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नई दिल्ली। भले ही देश के प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट आईआईटी और आईआईएम में जाने का लाखों छात्रों का सपना अधूरा रह जाता हो, लेकिन इन इंस्टीट्यूट से पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों की संख्या भी काफी अधिक है। केन्द्रीय राज्य मानव संसाधन मंत्री डॉक्टर महेन्द्र नाथ पांडे की तरफ से दिखाए गए 2014 से 2016 के बीच के डेटा के हिसाब से देश के 16 आईआईटी से पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों की संख्या 1782 हो गई है।

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वहीं देश के 13 आईआईएम से बीच सत्र में पढ़ाई छोड़ने वालों संख्या आईआईटी कम है, लेकिन इनकी संख्या भी 104 है। आईआईएम बेंगलुरु से 2015-16 के दौरान चार छात्रों ने पढ़ाई छोड़ दी है, यह संख्या एक साल पहले दो थी। लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए महेन्द्र नाथ ने कहा कि सरकार इस समस्या से निपटने के लिए जरूरी कदम उठा रही है।

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जानकारों के अनुसार छात्रों के आईआईटी और आईआईएम छोड़ने के कारण अलग-अलग हैं। आईआईटी बेंगलुरु के डायरेक्टर और आईआईटी धारवाड़ के मेंटर डायरेक्टर प्रोफेसर एस सदागोपान के अनुसार अक्सर ये देखा गया है कि छात्र एक इंस्टीट्यूट को किसी दूसरे इंस्टीट्यूट के लिए छोड़ते हैं।

उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हर कोई बेहतर विकल्प की तरफ जाना चाहता है। इन इंस्टीट्यूट की फीस अधिक नहीं होती है, ऐसे में छात्रों के लिए एक इंस्टीट्यूट छोड़कर उससे बेहतर इंस्टीट्यूट में जाना आसान हो जाता है। वे बोले कि अधिकतर छात्र मुंबई और दिल्ली के इंस्टीट्यूट में जाना पसंद करते हैं। यही कारण है कि अन्य शहरों में स्थित आईआईटी को छोड़कर बहुत से छात्रों ने दिल्ली-मुंबई का रुख किया है।

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उन्होंने कहा कि छात्र अक्सर इंस्टीट्यूट सिर्फ इसलिए छोड़ते हैं क्योंकि उन्हें उनके मन मुताबिक ब्रांच नहीं मिलती। अगर किसी को आईआईटी में आर्किटेक्टचर मिलता है और वहीं दूसरी ओर एनआईटी में कम्प्यूटर साइंस मिलता है, तो छात्र आईआईटी को छोड़कर एनआईटी का रुख करने लगते हैं।

अमेरिका जैसे विदेशों में अगर कोई छात्र इंस्टीट्यूट छोड़ता है तो उसे उस सीट को ब्लॉक करने के लिए पूरी फीस देनी पड़ती है, लेकिन भारत में सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि किसी छात्र के इंस्टीट्यूट छोड़ने की स्थिति में 1000 रुपए से अधिक नहीं लिए जा सकते हैं। ये भी भारत के इन प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट से छात्रों के पढ़ाई छोड़ने का एक बड़ा कारण है।

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आईआईएस बेंगुलरु के एक छात्र श्रीकांत श्रीधर कहते हैं कि छात्र ऐसे इंस्टीट्यूट को कई बार जरूरत से अधिक प्रेशर के चलते भी छोड़ते हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ छात्रों के पढ़ाई छोड़ने के पीछे का कारण पैसा भी होता है।

English summary
The number of dropout in IIM and IIT is increasing. Do you know the reason behind this.
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