क्या आतंक के बढ़ावे के लिए ट्विटर भी है जिम्मेदार!
ट्विटर पर आतंक का गहराता साया किसी की आंखों से दूर नहीं है। एक ओर जहां बुद्धिजीवियों का इसे प्लेटफॉर्म माना जाता है, वहीं ट्विटर आंतक फैलाने का भी एक माध्यम बनता जा रहा है। लिहाजा, इन्हीं गतिविधियों को देखते हुए ट्विटर पर काफी दवाब बनाया जा रहा है कि आतंकवादियों को इस नेटवर्क का प्रयोग करने से रोका जाए। हालांकि, इस ओर काफी कदम उठाए जा रहे हैं।
भड़काऊ बयान, मानसिक उत्पीड़न, प्राइवेट या कॉफिडेंशियल जानकारियों को शेयर करने जैसे अपराध को अब जल्द ही ट्विटर पर रिपोर्ट किया जा सकेगा। सभवतः इसके लिए अगले हफ्ते से नए टूल उपलब्ध कराए जाएंगे। आपको एक हैरत में डालने वाली बात बता दें कि, ट्विटर पर 46,000 एकाउंट आईएस से संबंधित हैं, जबकि 24,000 अल-कायदा और लाखों की संख्या में ऐसे लोगों के एकाउंट ट्रैक किए गए हैं, जो लोगों को भड़काने का काम करते हैं।
विश्व भर के खूफिया विभाग इस सच्चाई को जानकर हतप्रभ हैं और इसके खिलाफ रेड-अलर्ट जारी कर चुके हैं। साथ ही सभी ट्विटर को भी इसका जिम्मेदार मान रहे हैं क्योंकि उनकी ओर से इस खतरे को खत्म करने का कठोर कदम नहीं लिया जा रहा है।
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खूफिया विभाग के कुछ अधिकारियों का मानना है कि ट्विटर को किसी के रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना चाहिए। बल्कि उन्हें खुद एकाउंट्स स्कैन कर खूफिया एजेंसियों को रिपोर्ट करना चाहिए। बोलने की स्वतंत्रता के इस माध्यम पर कोई भी कुछ भी नहीं बोल सकता, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचे और ट्विटर बस पीछे की सीट लिए मौन बैठा रहे।
आपको बता दें, फिलहाल ट्विटर पर अगर कोई संग्दिध एकाउंट ट्रैक किया जाता है तो फिर कई अधिकारी उस पर नजर रखते हैं। जिसके बाद अगर उसपर शक जारी रहता है तो उसे बंद कर दिया जाता है। लेकिन ट्विटर अब जो नए टूल शुरू करने जा रहा है, उसके जरीए यदि किसी भी यूजर को शक है कि फलां एकाउंट आतंकवादी समूह से जुड़ा है तो वह बेहिचक रिपोर्ट कर सकता है।
ट्विटर का कहना है कि, खूफिया विभाग या ट्विटर अकेले सब कुछ नहीं खत्म कर सकता। बल्कि सबको इसकी जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी। ट्विटर ने अपने अधिकारियों की संख्या बढ़ाकर तिगुनी कर दी है, जो ट्विटर एकाउंट्स पर नजर रखते हैं। और संग्दिधों यूजर की गतिविधियों को कई बार रिव्यू किया जाता है, जिसके बाद फैसला लेते हैं। इतना ही नहीं, आने वाले टूल के माध्यम से ट्विटर अब यूजर के फोन नंबर और ईमेल आईडी भी चेक करेगा और सभी जानकारियों पर कड़ी नजर रखेगा। ट्विटर का मानना है कि इससे सुरक्षा एजेंसियों को राष्ट्र विरोधी और भड़काऊ लोगों को ट्रैक करने में आसानी होगी।