मेक इन इंडिया को ध्यान में रखकर हैदराबाद में इंटरनेशनल कांफ्रेंस शुरू
बेंगलुरु।[डॉक्टर
अनंत
कृष्णन
एम]तेलंगाना
के
मुख्यमंत्री
केसीआर
चंद्रशेखर
राव
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
की
मेक
इन
इंडिया
सोच
को
हकीकत
में
बदलने
के
लिए
कमर
कस
चुके
हैं।
12
नवंबर
से
शुरू
हुई
तेलंगाना
में
तीन
दिनों
तक
चलने
वाली
एक
इंटरनेशनल
कांफ्रेंस
का
आयोजन
किया
जा
रहा
है।
हैदराबाद के नोवोटेल होटल में चलने वाली इस कांफ्रेंस के लिए मुख्यमंत्री की ओर से ऐसे आकर्षक प्रस्तावों को तैयार किया गया है जो कत ई कंपनियों को निवेश के लिए लुभा सकती हैं। इस कांफ्रेंस के जरिए राव का मकसद है कि वह एरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र की तरक्की के लिए बेहतर रास्ता तैयार कर सकें।
कंपनियों को सहूलियतें देने को तैयार केसीआर
ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस कांफ्रेंस के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया सोच को और बढ़ावा मिल सकेगा। एरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉक्टर वीके सारस्वत ने वन इंडिया के साथ हुई एक खास बातचीत में बताया है कि एरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर में मौजूद संभावनाओं को तलाशने के अलावा इस क्षेत्र में मौजूद सैन्य सुविधाओं पर भी इस कांफ्रेंस के जरिए ध्यान जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया कैंपेन को आगे ले जाने के मकसद से इस कांफ्रेंस का आयोजन हो रहा है। हैदराबाद में कई रक्षा प्रतिष्ठान हैं और मुख्यमंत्री खुद चाहते हैं कि इसका फायदा पूरे तेलंगाना क्षेत्र को मिले।
डॉक्टर सारस्वत ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र में बिजनेस के लिए जमीन, संचार साधन और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने के साथ ही साथ कंपनियों को कर में राहत देने के लिए भी तैयार है।
ज्यादा से ज्यादा नौकरियां प्राथमिकता
डॉक्टर सारस्वत ने इस बातचीत में बताया कि सीएम चंद्रशेखर राव के लिए उड्डयन और रक्षा क्षेत्र में ज्यादा और बेहतर रोजगार के अवसर युवाओं के लिए पैदा करना पहली प्राथमिकता है। इस कांफ्रेंस के दौरान आने वाली कंपनियों के अधिकारियों की सरकार के अधिकारियों के साथ बी-2-बी मीटिंग होगी।
कांफ्रेंस के दौरान करीब 35 वक्ताओं के संबोधन की तैयारी है। संबोधन में कई अंतराष्ट्रीय कंपनियों के प्रतिनिधियों के शिरकत करने की उम्मीद है जिसमें डासॉल्ट एविएशन, हनीवेल, बेल हेलीकॉप्टर्स, इजरायली एरोस्पेस इंडस्ट्रीज, एयरबस और लॉकहीड मार्टिन जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं।
डॉक्टर साररस्वत को उम्मीद है कि जब यह कंपनियां अपना व्यवसाय शुरू करेंगी तो उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा नौकरियों की संभावना बढ़ पाएगी। ज्यादा नौकरी या रोजगार के अवसरों से तेलंगाना भी आर्थिक प्रगति की राह पर बढ़ेगा।
अहम है हैदराबाद
डॉक्टर सारस्वत ने बताया कि हैदराबाद हमेशा से ही कई डीआरडीओ प्रयोगशालाओं का अहम गढ़ रहा है। इसके अलावा डिफेंस पब्लिक सेक्टर कंपनियां और एसएमई भी यहां पर सक्रिय हैं। उन्होंने बताया कि यहां स्थित पीएसयू और एसएमई के साथ अगर कोई अंतराष्ट्रीय कंपनी साझेदारी करना चाहती है तो उसके लिए सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
उन्होंने जानकारी दी कि इसके लिए जमीन हासिल करना कोई बड़ा मुद्दा नहीं होगा और राज्य सरकार सभी तरह की सहूलियतों को प्रदान करने में तेजी से काम करने को तत्पर है। उन्होंने कहा कि इन सबके अलावा राज्य सरकार सिविल एविएशन और रख-रखाव के काम के लिए मौजूद अवसरों पर भी नजर बनाए हुए हैं।
तेलंगाना के लिए यह कांफ्रेंस काफी अच्छा मौका बनकर आई है और जल्द ही तेलंगाना भी भारत के एरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों का अहम गढ़ बन सकेगा। उन्होंने बताया कि कंपनियां अगर चाहे तों जीएमआर एरोस्पेस पार्क जो कि एयरपोर्ट के पास ही स्थित है, उसका लाभ उठा सकती हैं।
राज्य में मौजूद संसाधन
तेलंगाना स्टेट इंडस्ट्रीयल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर जयेश राजन के मुताबिक सरकार जल्द ही विधानसभा में एक एरोस्पेस नीति को लाने वाली है। उन्होंने हैदराबाद से वनइंडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने इसके लिए 12 अहम सेक्टर्स की पहचान की है।
इन सेक्टरों में रक्षा और एरोस्पेस भी शामिल है, जिनके बारे में सरकार मानता है कि इन क्षेत्रों में वृद्धि काफी अहम है। राजन ने बताया कि यह सरकार की औधोगिक नीति का हिस्सा है। राज्य में एविएशन और डिफेंस के लिए बेहतर इको सिस्टम भी मौजूद है।
राज्य में 500 से ज्यादा एसएमई हैं जो पिछले 3-4 दशकों से काफी सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया से काफी प्रभावित हैं और इसी दिशा में एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि एक बार औद्योगिक नीति सामने आ जाए फिर तेलंगाना राज्य कई व्यावसायिक घरानों के लिए एक अहम स्थान बन सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य एरोस्पेस के क्षेत्र में नए बिजनेस के रास्तों और उनसे जुड़ी संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित है।