हवा से हवा में मार करने वाले तेजस का परीक्षण सफल
बेंगलुरु। लाइट कॉमबैट एयरक्राफट (एलसीए) तेजस पर जब हवा में हमला हुआ तो बेंगलुरु स्थित एचएएल में खुशी की लहर दौड़ गई। तमाम वैज्ञानिकों समेत पूरे स्टाफ ने तालियां बजाकर खुशी का इजहार किया। तालियां इसलिये बजायी गईं, क्योंकि भारतीय वायुसेना के लिये तैयार किये जा रहे टू-सीटर विमान तेजस (प्रोटोटाइप व्हीकल 6) ने उस पर हवा में वार किया था। शनिवार को तेजस पीवी 6 का सफल परीक्षण होने पर एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी और एचएएल को चेयरमैन आरके त्यागी ने बधाई दी।
इस खुशनुमा पल में वनइंडिया से खास बातचीत में एडीए के निदेशक पीएस सुब्रमणियम ने कहा कि तेजस पीवी6 ने करीब 35 मिनट में परीक्षण को पूरा किया। जो कुछ भी प्लानिंग की गई थी, उन सभी को 30 हजार फीट की ऊंचाई पर टेस्टिंग पायलट ग्रुप कैप्टन विवर्त सिंह और ग्रुप कैप्टर अनूप कबाडवाल ने अंजाम दिया। दोनों पायलट नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर से बुलाये गये थे।
सुब्रमणियम ने बताया कि इस परीक्षण के साथ तेजस पीवी6 के सभी परीक्षण पूरे हो गये। इस दौरान पीवी6 30 हजार फीट की ऊंचाई तक गया। उसकी अधिकतम गति 0.7 मैक मापी गई। 14 डिग्री के कोण पर हवा से हवा में वार भी किया। यह तेजस का 15वां वेरियंट है। इसससे पहले टीडी1, टीडी2, पीवी1, पीवी2, पीवी3, पीवी5 (ट्रेनर), एलएसपी1, एलएसपी2, एलएसपी3, एलएसपी4, एलएसपी5, एलएसी7, एलएसपी8 और एसपी1। के परीक्षण किये गये। वहीं नौसेना के वेरियंट एनपी1 का ट्रायल अभी चल रहा है।
एचएएल के निदेशक आरके त्यागी ने वनइंडिया से टेलीफोन से बातचीत में कहा कि शनिवार को हुए इस परीक्षण के साथ हमारी टीम का मनोबल बढ़ गया है। हमें विश्वास है कि आने वाले समय में जितने भी तेजस निकलेंगे, प्रत्येक तेजस ब्रांड एंबेसडर बनकर निकलेगा।
तेजस से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें-
-
पीवी6
दूसरा
दो
सीटों
वाला
लड़ाकू
विमान
है,
जो
हवा
से
हवा
में
मार
करता
है।
-
इस
विमान
से
हवा
से
जमीन
पर
भी
हमला
किया
जा
सकता
है।
-
इस
विमान
को
हवा
से
हवा
में
मार
करने
वाले
सभी
हथियारों
से
लैस
किया
जा
सकता
है।
-
इस
विमान
में
ऑन
बोर्ड
कम्युनिकेशन
सिस्टम,
रडार,
ईडब्ल्यू
सेंसर
लगे
हैं।
- इसमें ऑटोमेटिक लैंडिंग के लिये नेवीगेशन सिस्टम भी लगा हुआ है।
पीवी
त्यागी
ने
कहा
कि
इस
विमान
के
माध्यम
से
हम
टू-सीटर
कॉकपिट
का
परीक्षण
करना
चाहते
थे
और
यह
परीक्षण
सफल
हुआ
है।
4 जनवरी 2001 से अब तक एचएएल व उससे जुड़े संस्थानों ने 2,772 परीक्षण उड़ानें भरी हैं और वो भी बिना किसी हादसे के।
(लेखक भारत के डिफेंस जर्नलिस्ट हैं। आप वनइंडिया के कंसल्टेंट एडिटर (डिफेंस) हैं और ट्विटर पर @writetake आपसे संपर्क किया जा सकता है।)