Proud Moment: इन टीनएज बच्चों ने बाड़मेर के 500 घरों से दूर किया अंधेरा
बैंगलुरू। शिरीष नंदीमंदलम, वरूण श्रीनिवासन और वरूण सुधाकर उन तीन टीन एज बच्चों के नाम है जिनकी मेहनत के बलबूते राजस्थान के बाड़मेर गांव में 500 घर रोशनी से जगमगा रहे हैं। यह तीनों बच्चे मुबई के ओबरॉय इंटरनेशनल स्कूल के स्टूडेंट हैं और तीनों ही असाधारण व्यक्तित्व के मालिक है।
यह तीनों ही संपन्न परिवार से ताल्लुक रखते हैं लेकिन इन तीनों ने अपने सुख के बारे में ना सोचते हुए उस काम का बीड़ा उठाया है जिसे अच्छे-अच्छे नहीं कर सकते हैं। इन तीनों ने 'प्रोजेक्ट चिराग' के तहत अगले एक साल के अंदर 1000 गांव के घरों में बिजली से रोशन करने का संकल्प लिया है। यह तीनों Chirag Rural Development Foundation के तहत 'प्रोजेक्ट चिराग' से जुड़े हैं जिन्हें कि एच आर कॉलेज मुंबई ने ही शुरू किया था।
इस प्रोजेक्ट के जरिये उन अंधेर घरों को रोशनी से रौशन करना है जो बिजली का खर्चा नहीं उठा सकते हैं, यहां सोलर ऊर्जा के तहत बिजली पैदा की जा रही है इसलिए 'प्रोजेक्ट चिराग' ने उन गांवों को चिह्नित किया है जहां बिजली है ही नहीं। इन तीनों टीन एज बच्चों की एक टीम हैं जिसमें इन तीनों के अलावा चार मेंबर और हैं जिनके नाम हैं आयशा मिरचंदानी, अजय दामोदर, एलैक्सजेंडर स्मिथ और सूर्यकांत फाड्के। जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर मात्र 10 दिनों के अंदर ही बाड़मेर राजस्थान के 500 घरों मे बिजली पहुंचायी है।
इस बारे में बात करते हुए शिरीष ने कहा कि यह बहुत दुखद है कि आज भी सूचना प्रद्योगिकी के दौर में भारत के बहुत सारे घरों में बिजली नहीं है और ऐसे में जब हमारी कोशिश से जब किसी के घर का अंधेरा हटा और उसके चेहरे पर जो मुस्कान आयी वो सच में अमूल्य है हमाके लिए। इस समय इनकी पूरी टीम गांवों का दौरा कर रही है और गांववालों को सोलर लाइट के फायदे और तरीके बता रही है। इस टीम का साथ ग्रामीण विकास एंव चेतना संस्थान दे रही है।
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हमारे देश की जनसंख्या के 50 प्रतिशल लोग युवा है जिनकी उम्र तीस के नीचे है, ऐसे में अगर वो देश की विकास में अपना योगदान दें तो वो दिन दूर नहीं जब विश्वपटल पर हमारे देश का हर हिस्सा जगमगायेगा। शिरिष-वरूण-वरूण इस देश के शाइनिंग भविष्य है जिस पर हर देशवासी को अभिमान होगा यह कहना है प्रोजेक्ट चिराग के को-फाउंडर ज्योतिमय चैटर्जी का। यह अद्धभूत बच्चे देश के हर बच्चे और युवा के लिए प्रेरणाश्रोत है अगर इसी तरह हर बच्चा देश निर्माण में सहयोग करे तो देश के किसी भी कोने में अंधेरा नहीं रहेगा।