केंद्र सरकार ने सौंपी काले धन की लिस्ट तो स्विटजरलैंड को आया गुस्सा
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट को भले ही केंद्र सरकार की ओर से स्विट्जरलैंड के विभिन्न बैंकों में मौजूद काला धन खाताधारकों के 627 नामों वाली लिस्ट मिल गई हो, लेकिन इस पर स्विटजरलैंड को गुस्सा आ गया है।
इस लिस्ट को सु्प्रीम कोर्ट में दिए जाने के बाद स्विटजरलैंड ने भारत सरकार को वह संधि याद दिलाई है जिसके तहत खाता धारकों के नाम हरगिज सार्वजनिक न करने की बात कही गई है।
स्विटजरलैंड ने भारत की सरकार से साफ-साफ शब्दों में कह दिया है कि भारत को स्विस बैंकों में पैसा रखने वाले लोगों की जो भी जानकारी भारत को दी जाएगा, उसे भारत किसी की कीमत पर सार्वजनिक नहीं कर सकता है।
स्विटरजलैंड ने भारत को इसके लिए उस कर संधि का हवाला दिया है जो भारत को ऐसा करने के लिए मजबूर करती है। सिर्फ किसी खास मकसद या 'कर' संबंधी मुद्दों के मामले में इस तरह की जानकारी कोर्ट को मुहैया कराई जा सकती है।
इसके साथ ही स्विस सरकार ने भारत को यह भरोसा दिया है कि सरकार की तरफ से इस मसले से जुड़ी सारी जानकारी उसे तय समय के अंदर उपलब्ध कराई जाएगी।
स्विस देश की सरकार की फाइनेंस मिनिस्ट्री की ओर से जानकारी दी गई है कि भारत और स्विटजरलैंड के बीच हुई डीटीएए संधि के मुताबिक दोनों देशों को एक-दूसरे से प्राप्त सूचनाओं को वही गोपनीयता देनी होगी जो वे अपने देश में देते हैं।
दूसरे देशों के साथ होने वाले डीटीएए में यह प्रावधान होता है कि इन खाताधारकों की जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।