नोटबंदी के बाद फैली बदइंतजामी पर भड़के स्वामी, जेटली पर निकाला गुस्सा
सुब्रहमण्यम स्वामी ने अरुण जेटली को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने नोटबंदी के लिए कोई भी इंतजाम नहीं किए हैं और सब कुछ एड हॉक पर चल रहा है।
नई दिल्ली। राज्य सभा के सांसद सुब्रहमण्यम स्वामी ने नोटबंदी के बाद देश में फैली बदइंतजामी के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली, मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रहमण्यम और आर्थिक सचिव शशिकांत दास की आलोचना की है।
अपने खाते में दूसरे का पैसा जमा करने वालों पर भी हो सकती है कार्रवाई: वित्त मंत्रालय
सुब्रहमण्यम स्वामी ने अरुण जेटली को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने नोटबंदी के लिए कोई भी इंतजाम नहीं किए हैं और सब कुछ एड हॉक पर चल रहा है।
उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही अरविंद सुब्रहमण्यम और शशिकांत दास को बाहर निकालने की बात कही थी। पर जेटली उनके बचाव में आ गए। और अब हम जान गए हैं कि उन्होंने कुछ भी नहीं किया। स्वामी ने कहा कि वो कोई काम कर रहे थे, किसी को तो जिम्मेदारी लेनी होगी। यह बात स्वामी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कही।
स्वामी ने केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले का स्वागत किया और कहा कि सरकार के इस कदम से आतंकवाद को होने वाली फंडिंग कम होगी। उन्होंने कहा कि इस फैसले के लागू होने के बाद लोगों को हो रही तकतीफ से दर्द होता है। पर मैं उम्मीद करता हूं कि लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को राहत देने के लिए इनकम टैक्स खत्म कर सकते हैं और लोगों को खुश कर सकते हैं।
नोटबंदी का फैसला नहीं होगा वापस और न ही बनेगी जेपीसी: अरुण जेटली
आपको बताते चलें कि देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ कर दिया है कि नोटबंदी का फैसला वापस नहीं लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने दावा कि अगले कुछ दिनों में दुनिया का सबसे बड़ा नोट बदलने का अभियान पूरा हो जाएगा। विपक्ष के नोटबंदी को लेकर संयुक्त संसदीय समिति बनाने की मांग को भी जेटली ने खारिज कर दिया।
उन्होंने कांग्रेस के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि आखिर कांग्रेस पार्टी इस नोटबंदी का विरोध क्यों कर रही है। यह नोटबंदी कालेधन और आतंक गतिविधियों को मिलने वाले धन को रोकने में मदद करेगा। जेटली ने कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और उसे इस कदम का समर्थन करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इस नोटबंदी अभियान का जहां एक तरफ कुछ मुख्यमंत्री समर्थन कर रहे हैं तो वहीं कुछ मुख्यमंत्री इसको लेकर भ्रम भी फैला रहे हैं। जेटली ने दावा किया कि आने वाले सात दिनों में बैंकों में भीड़ कम हो जाएगी। अभी कोई भी भयावह स्थिति नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों को इस नोटबंदी में असुविधा हुई।
आपको बताते चलें कि पिछले दस दिनों के अंदर बैंक लगभग हर दिन नए नियम बना रहें हैं। चाहे नोट बदलवाने के लिए हाथ में स्याही लगाने का आइडिया हो या फिर नोट एक्सचेंज करने की राशि कम करना। सरकार के रोज नए बनते नियमों से जनता को परेशानी हो रही है। वहीं दूसरी तरफ इस कदम का लोग खुश होकर स्वागत भी कर रहे हैं।