सुषमा स्वराज की 10 बातें, जो चुभती रहेंगी पाकिस्तान को
न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज अपने संबोधन में जमकर पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने जहां अपनी सरकार की योजनाओं के बारे में बताया वहीं दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने और आतंकवाद को पनाह देने वालों को अलग-थलग कर देने की मांग की। उन्होंने कश्मीर पर भी अपनी बात रखी। ये रहीं सुषमा स्वराज के भाषण की दस खास बातें। UNGA में भाषण के बाद बलूचों ने दिया सुषमा को बहन का दर्जा, लगाए भारत माता जय के नारे
आतंकवाद मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन
दुनियाभर में पिछले कुछ समय में हुए आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन है क्योंकि वो निर्दोषों को निशाना बनाता है। उन्होंने कहा कि हमें आतंक के खिलाफ एकजुट होना होगा।
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कश्मीर को हमसे कोई अलग नहीं कर सकता
सुषमा ने पाक को कहा कि वो कश्मीर को पाने के ख्वाब देखना छोड़ दे। उन्होंने साफ किया कि कश्मीर को हमसे कोई अलग नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ये समझता है कि इस तरह कि हरकत करके कोई हिस्सा छीन सकता है कि तो उनका ये मंसूबा कभी कामयाब नहीं हो सकता।
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कश्मीर भारत का अभिन्न अंग
पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के संयुक्त राष्ट्र महासभा के अपने संबोधन में कश्मीर राग अलापने के बाद सुषमा ने उनको भी जवाब देते हुए दो-टूक बात संयुक्त सभा में रखी। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा।
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आतंकवादियों को पालना कुछ देशों का शौक
सुषमा के दस मिनट के भाषण में निशाने पर पाकिस्तान रहा। उन्होंने नाम ना लेते हुए पाक को आतंक की पनाहगाह बताया। सुषमा ने कहा कि आतंकवादियों को पालना कुछ देशों का शौक बन गया है। ऐसे देशों की पहचान करके चिन्हित किया जाना चाहिए।
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हमें सोचना होगा कि आतंकवादियों को पनाह देने वाले कौन
सुषमा ने नाम लिए बिना पाकिस्तान पर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि आतंकियो के पास ना तो हथियार बनाने की फैक्ट्री है और ना पैसा। सुषमा ने सवाल किया कि फिर कैसे वो दुनिया में अपनी हरकतों को अंजाम दे रहे हैं। भारत की विदेश मंत्री ने कहा कि हमें सोचना होगा कि आतंकवादियों को पनाह देने वाले कौन-कौन हैं, कौन इन्हें हथियार देता है और कौन इन्हें सरंक्षण देता है।
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आतंक खिलाफ एकजुट होने के सिवा कोई रास्ता नहीं
उरी हमले के बाद पाक को दुनिया में अलग-थलग करने की कोशिश के तहत सुषमा ने सभी में कहा कि आतंक खिलाफ एकजुट होने के सिवा कोई रास्ता नहीं है और यदि कोई देश इस तरह की रणनीति में शामिल नहीं होना चाहता, तो मेरी मांग है कि उन्हें अलग-थलग कर दें।
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ब्लूचिस्तान में अत्याचारों की इंतिहा है
पाकिस्तान के कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर सुषमा ने पाक को आईना दिखाते हुए कहा कि ब्लूचिस्तान में अत्याचारों की इंतिहा है। उन्होंने पाक को सीधे जवाब देते हुए कहा कि जिनके अपने घर शीशे के हों, उन्हें दूसरों के घर पत्थर नहीं मारने चाहिए।
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कुछ देश आतंकवाद बोते हैं
कई मंचों पर पाकिस्तान के खुद को आतंकवाद का सबसे बड़ा पीड़ित बताए जाने पर सुषमा स्वराज ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि जिस किसी ने भी हिंसा के बीज बोए हैं उन्हें बदले में कड़वा फल मिला है।
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आतंकवादी समूह मिलकर अब बड़े दैत्य बन चुके
पाकिस्तान में जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद जैसे लोगों के खुलेआम घूमने और सभाएं करने पर भी सुषमा खूब बरसीं। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे आतंकवादी समूह मिलकर अब बड़े दैत्य बन चुके हैं, इसलिए अपना और पराया आतंकवाद को भूलना होगा। यूएन द्वारा घोषित आतंकवादी ऐसे देशों में खुले आम जलसे कर रहे हैं।
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हमें दोस्ती के बदले बहादुर अली मिला
उन्होंने पाकिस्तान द्वारा बातचीत से पहले शर्तों पर कहा कि हम तो शर्ते नहीं दोस्ती चाहते थे लेकिन आपने हमें बदले में आतंक दिया। सुषमा ने नवाज शरीफ को नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में बुलाने से लेकर उनकी लाहौर यात्रा और अपनी इस्लामाबाद यात्रा का भी जिक्र किया।
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उन्होंने कहा कि हमने तो दो सालों में हमने दोस्ती की नई इबारत लिखी लेकिन बदले में हमें पठानकोट का हमला, ऊरी में सेना के कैंप पर हमला और बहादुर अली जैसे आतंकी मिले।