सर्जिकल स्ट्राइक: ट्रक में लोड कर ले जाए गए शव, चश्मदीदों ने बताया
नई दिल्ली। बीते 29 सितंबर को भारतीय सेना की ओर से सीमा पार जाकर पाक अधिकृत कश्मीर में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी।
जिस पर पाकिस्तान की ओर से कहा गया कि ऐसी कोई सर्जिकल स्ट्राइक हुई ही नहीं और उसने अंतरराष्ट्रीय मीडिया को वह जगह भी दिखाई जहां भारत की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने का दावा किया जा रहा है।
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गुप्त अंत्येष्टि के लिए ले जाए गए शव
वहीं कुछ चश्मदीदों ने यह बताया कि किस तरह से 29 सितंबर को सुबह होने से पहले सेना के स्पेशल फोर्स के जवानों की ओर से जिहादियों की पोस्ट पर किए गए स्ट्राइक के बाद मारे गए लोगों के शव ट्रक में भर कर ले जाए गए।
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अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार चश्मदीदों ने वह जगह भी दिखाई है जिसके बारे में अब तक न तो पाकिस्तान की सरकार और न ही भारत की सरकार ने कोई सार्वजनिक जानकारी दी है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार पांच चश्मदीदों में से 2 जो दुधनियाल के हैं उन्होंने जानकारी दी कि अल-हवाई पुल के पास पुरवा के मुख्यबाजार के पास एक गिरी इमारत दिखी है, जहां एक मिलिट्री आउटपोस्ट है जिसका उपयोग लश्कर करता है।
ये है घुसपैठ का रास्ता
दोनों चश्मदीदों ने कहा कि अलहवाई ब्रिज वह आखिरी बिन्दु है जहां घुसपैठ करने वाले समूह अपने साथ सामान लोड करते हैं और फिर एलओसी के रास्ते कुपवारा जाते हैं।
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एक अन्य चश्मदीद ने कहा कि स्थानीय नागरिक ने जानकारी दी कि संभवतः 84 MM की कार्ल गुस्ताव से फायरिंग की गई थी। हमें देर रात अलहवाई पुल के पार से आवाज आ रही थी। कोई भी बाहर यह देखने नहीं आया कि क्या हो रहा है।
चश्मदीद ने बताया कि इसलिए भारतीय सैनिकों को देखा जा सका लेकिन लश्कर की ओर से लोग सुबह आए थे। पांच या 6 शव को ट्रक में लोड करने के बाद संभवतः लश्कर के करीबी कैंप छालना में लेकर गए, जो नीलम नदी के पार है।
लिया जाए बदला
चश्मदीद ने यह भी बताया कि लश्कर से जुड़े छालना स्थित एक मस्जिद में शुक्रवार की नमाज इस तकरीर के साथ खत्म हुई कि जो लोग बीते दिन मारे गए थे उनका बदला लिया जाए।
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बताया कि 'वहां मौजूद लोग पाकिस्तान की सेना पर सीमा की सुरक्षा न कर पाने का आरोप लगा रहे थे। उन्होंने कहा था कि वो जल्द ही भारत को इसका जवाब देंगे जो वो कभी भुला नहीं सकेंगे।'
लकड़ी की बिल्डिंग को सेना ने कर दिया ध्वस्त
अखबार के अनुसार चश्मदीदों ने कहा कि वहां के स्थानीय नागरिकों ने बताया कि खैराती बाग में भारतीय सेना ने तीन मंजिला लकड़ी की बिल्डिंग को नेस्तानबूत कर दिया।
चश्मदीदों ने यह भी बताया कि जहां बिल्डिंग गिरी थी वहां से करीब 3-5 लश्कर आतंकी मार गिराए गए थे।
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एक अन्य चश्मदीद ने जानकारी दी कि नीलम नदी के पूर्वी तट पर आग और विस्फोट भी सुनाई दिए।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक एक चश्मदीद ने बताया कि अतमुकाम जिला स्थित नीलम जिला अस्पताल गया था। वहां सुना कि कुछ लश्कर के लोग मारे गए हैं और घायल भी हुए हैं। लेकिन किसी भी शव को सार्वजनिक रूप से नहीं दफनाया गया।