क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

राइट टू प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यह अपने आप में संपूर्ण नहीं

By Rahul Sankrityayan
Google Oneindia News

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संवैधानिक पीठ ने उस मामले की सुनवाई बुधवार को शुरू की जिसमें यह तय होना है कि प्राइवेसी (निजता ) का अधिकार, संविधान के अंतर्गत मौलिक अधिकार है या नहीं।

9 जजों की संवैधानिक पीठ में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जगदीश सिंह खेहर के साथ जे चेलामेश्वर, एस ए बोबड़े, आर के अग्रवाल, रोहिंगटन फली नरीमन, अभय मनोहर सप्रे, डीवाई चंद्रचूड़, संजय किशन कौल और एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं।

राइट टू प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यह अपने आप में संपूर्ण नहीं

बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को उचित प्रतिबंध लगाने से नहीं रोक नहीं सकते। क्या अदालत निजता की व्याख्या कर सकती है? केटेलाग नहीं बना सकते कि किन तत्वों से मिलकर प्राइवेसी बनती है। अदालत ने कहा कि अदालत ने कहा कि निजता का आकार इतना बड़ा है कि ये हर मसले में शामिल है. अगर हम निजता को सूचीबद्ध करने का प्रयास करेंगे तो इसके परिणाम विनाशकारी होंगे। निजता स्वतंत्रता का एक सब सेक्शन है।

चंद्रचूड़ ने कहा...

जज डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर मैं अपनी पत्नी के साथ बेडरूम में हूं तो ये प्राइवेसी का हिस्सा है, ऐसे में पुलिस मेरे बेडरूम में नहीं आ सकती लेकिन अगर मैं बच्चों को स्कूल भेजता हूं तो ये प्राइवेसी के अंतर्गत नहीं है क्योंकि ये राइट टू एजूकेशन के तहत आता है।

चंद्रचूड़ ने कहा कि बैंक में अपनी जानकारी देते हैं, मेडिकल इंशोयरेंस और लोन के लिए जानकारी देते हैं। ये सब कानून की ओर से संचालित है। यहां बात अधिकार की नहीं है। आज के डिजिटल जमाने में डाटा की सुरक्षा बड़ा मुद्दा है। सरकार को डाटा की सुरक्षा के लिए कानून लाने का अधिकार है।

CJI से वकील ने कहा

अदालत में गोपाल सुब्रमण्यम ने सीजेआई जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष बहस शुरू की और कहा कि जीने का अधिकार और स्वतंत्रता का अधिकार पहले से मौजूद प्राकृतिक अधिकार हैं। वहीं पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी ने कहा कि संविधान में राइट टू प्राइवेसी नहीं लिखा है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि ये है ही नहीं. दरअसल प्राइवेसी हर व्यक्ति का अभिन्न अंग है।

याचिकाकर्ता श्याम दीवान ने अदालत के समक्ष कहा कि राज्यसभा में आधार बिल पेश करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा था कि प्राइवेसी शायद एक मौलिक अधिकार है। दीवान ने अदालत में कहा कि जेटली ने 16 मार्च 2016 को कहा था कि अब अब ये कहने में कि प्राइवेसी मौलिक अधिकार है या नहीं, काफी देर हो चुकी है। प्राइवेसी शायद एक मौलिक अधिकार है। बता दें कि इस मामले में सुनवाई आज गुरुवार को भी जारी रहेगी।

ये भी पढ़े: केंद्र सरकार को झटका, पैन कार्ड को आधार नंबर से जोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक ये भी पढ़े: केंद्र सरकार को झटका, पैन कार्ड को आधार नंबर से जोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

Comments
English summary
Supreme Court observes Right To Privacy Is Not Absolute
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X