सुप्रीम कोर्ट के जज ने पत्र लिखकर कहा, 'नहीं आऊंगा कोलेजियम की मीटिंग में'
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पांचवें सबसे वरिष्ठ जज जे चेलामेश्वर ने कहा कि उन्होंने कोलेजियम की मीटिंग में जाना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश के की अध्यक्षता में चल रही इस प्रक्रिया को सबसे अपारदर्शी कह दिया है।
साथ ही उन्होंने कहा कि अधिकतर लोग एक साथ मिलकर गलत उम्मीदवार के चुनाव पर उठने वाले सवाल को दबाने का काम कर रहे हैं। जज चेलामेश्वर ने कहा कि उन्होंने एक पत्र भी बता दिया है कि वह कोलेजियम की मीटिंग में अब शामिल नहीं होंगे। उनका मानना है कि जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है।
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वे बोले कि कोई भी कारण या कोई भी राय रिकॉर्ड नहीं की जाती है। सिर्फ दो लोग नाम चुनते हैं और मीटिंग में आकर अन्य लोगों की हां और ना पूछते हैं। उन्होंने इस बात सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के किसी जज की नियुक्ति इस तरह से की जा सकती है?
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चेलामेश्वर ने सवाल किया कि अगर कोई भ्रष्ट व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट के जज के लिए चुना जाता है और कोलेजियम का कोई सदस्य कहता है कि चुने जा रहे उम्मीदवार के खिलाफ उसके पास गंभीर सबूत हैं तो क्या ऐसा इंसान की नियुक्ति महज ये देखकर होनी चाहिए कि कितने लोग उसे जज बनाने के पक्ष में हैं और कितने नहीं, या फिर उस एक आदमी द्वारा दिए जा रहे सबूतों पर भी गौर करना चाहिए?
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चेलामेश्वर द्वारा ऐसे ही कुछ सवाल कोलेजियम से पूछे, लेकिन इनका उन्हें कोई जवाब नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने सीजेआई को पत्र लिखकर सूचित कर दिया कि वह सीजेआई की बैठक में शामिल नहीं हो सकते हैं।