सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार से पूछा, 'क्या यहां पंचायत चल रही है'
दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सड़क दुर्घटनाओं के मामले में केंद्र की तरफ से कोई जवाब नहीं मिलने पर नरेंद्र मोदी सरकार को फटकार लगाते हुए जुर्माना ठोंका है।
एक साल से ज्यादा समय हो जाने के बावजूद मोदी सरकार ने सड़क दुर्घटना से जुड़ी एक जनहित याचिका मामले में काउंटर एफिडेविट दाखिल नहीं किया जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की खिंचाई की और केंद्रीय परिवहन मंत्रालय पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया।
चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने केंद्र को खरी खरी सुनाते हुए कहा, 'सबसे ज्यादा केंद्र के मुकदमे यहां लंबित हैं और वह कोर्ट पर ठीक से काम न करने का आरोप लगाती रहती है।'
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'क्या यहां पंचायत चल रही है'
जवाब दाखिल करने की सरकार की लेटलतीफी पर टिप्पणी करते हुए चीफ जस्टिस ठाकुर ने कहा, 'एक साल से ज्यादा समय हो गए और अभी तक केंद्र ने काउंटर एफिडेविट दाखिल क्यों नहीं किया? क्या यहां पंचायत चल रही है।'
केंद्र सरकार की तरफ से एटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया है कि तीन सप्ताह के अंदर इस मामले में जवाब दाखिल कर दिया जाएगा।
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट सड़क दुर्घटना से जुड़ी एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रही है। इस जनहित याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से काउंटर एफिडेविट दाखिल करने को कहा था।
लेकिन इस मामले में एक साल से भी ज्यादा समय हो जाने के बावजूद केंद्र ने काउंटर एफिडेविट दाखिल नहीं किया, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई।
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